राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गंवई अंदाज में बातें रखने में महारत रखने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने नरेंद्र के तलाक पर घरियाली आंसू बहाने पर जोरदार सवाल उठाते हुए पूछा है कि वह बतायें कि तीन तलाक दे कर पत्नी को छोड़ना बुरा है या बिन तलाक पत्नी को छोड़ना बुरा है.
रघुवंश प्रसाद सिंह राजगीर में राजद के कार्यकारिणी की बैठक में यह सवाल उठाया कि तलाक के मामले में नरेंद्र मोदी विध्वा विलाप करके देश को गुमराह कर रहे हैं जबकि उन्हों सबसे पहले यह बताना चाहिए कि बिन तलाक पत्नी को छोड़ कर उसके नारित्व को और दाम्पत्य को तबाह करना कैसे अच्छा है.
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी दशकों से अपनी पत्नी जसोदा बेन से अलग हैं और और उन्होंने अपनी पत्नी से संबंध को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया है.
रघुवंश प्रसाद ने मोदी को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि लोग मोदी के छलावे, धोखे और फरेब को जान चुकी है और अब हमें उस फरेब और धोखे खिलाफ युद्ध छेड़ने की जरूरत है.
बेरोजगारों को क्यो नहीं दिया रोजगार. दो करोड़ रोजगार देने को कहा सब जुमले बाजी थी. पांच प्रतिशत लोगों को भी रोजगार नहीं दिया. भ्रष्टाचार के सवाल पर लड़ाई ठनके गी, बेरोजगारी पर लड़ाई ठनकेगी. संसद तो एख कढ़ाई है जहां सारी सब्जियों को डाला कर पकवान बनाया जाता है. सब्जियां तो खेतों में उपजती हैं. हम खेतों में खिलहान में आवाज को उठायेंगे लड़ाई को तेज करेंगे. पढ़ाई की लड़ाई को आगे बढ़ायेंगे, सेहत के सवाल को, ये सारे मुद्दे लड़ाई का मुद्दा बनायेंगे.
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव से शुरुआत हो संघियों के दुष्प्रचार की लड़ाई राष्ट्रव्यापी स्तर पर लड़ने की जरूरत है.