अगर आप एडीएम या डीएसपी हैं और आईएएस या आईपीएस बनना चाहते हैं तो कलम-कापी उठाइए और पढ़ना लिखना शुरू कर दीजिए.
राज्य लोकसेवा के अधिकारियों का केंद्रीय सेवा में प्रोमोशन के तरीकों में बदलाव होने वाला है. अब उन्हें आईएएस या आईपीएस बनने के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार से गुजरना पड़ेगा.
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री वी नारायण स्वामी ने राज्य सभा में यह जानकारी दी है कि इस बदलाव के संबंध में सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गयी है.
अभी तक राज्य सेवा के अधिकारियों के केंद्रीय कैडर में प्रोमोशन के लिए उनके सर्विस रिकार्ड और सेवा अवधि को ध्यान में रखा जाता था. लेकिन नये नियमों के अनुसार अब उनके प्रोमोशन के लिए चार चरणों से होकर गुजरना पड़ेगा. ये हैं- लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, सेवा अवधि और पॉरफार्मेंस अप्राइजल रिपोर्ट.
अखिल भारतीये सेवा में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी सेवायें शामिल हैं.
नियमों के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं के तर्ज पर राज्य सरकारें भी राज्य सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति करती है. लेकिन सेवा की निर्धारित अवधि पूरी कर लेने और सर्विस रिकार्ड के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग उन्हें केंद्रीय सेवा के लिए प्रोमोट कर देता है. पर नये नियमों के बदलाव के बाद योग्य अधिकारियों के प्रोमोशन की संभावना बढ़ जायेगी.
नारायण स्वामी का कहना है कि इस बदलाव के लिए राज्य सरकारों से भी विचार विमर्श किया गया है.
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नये बदलावों के कारण सेवा में वरिष्ठता का उल्लंघन हो सकता है क्योंकि कई बार ऐसा भी हो सकता है कि लिखित परीक्षा के कारण वरिष्ठ अधिकारियों का चयन न हो पाये और कनिष्ट अधिकारी पास कर जायेंगे. इसी प्रकार कुछ लोगों का कहना है कि प्रोमोशन की उम्मीद में काम छोड़ कर अधिकारी पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने लगेंगे.
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