जदयू के विधायक खुरशीद आलम उर्फ फिरोज ने एक ऐसा विवादित बयान दे दिया है जिससे उनके खिलाफ भारी विवाद होना तय है. खुरशीद ने विधानसभा के बाहर कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह सुबह-शाम में सैकड़ों बार जय श्री राम का नारा लगाने को तैयार हैं
नौकरशाही ब्यूरो
खुरशीद के इस बयान पर इमारत शरिया ने भारी आपत्ति जताई है. इमार शरिया के नाजिम अनीसुर्रहमान ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताये कि सियासी लोगों के दीन और ईमान का क्या भरोसा. यह गलत है. एक मुसलमान की हैसियत से इस तरह के नारे को किसी भी तरह से कुबूल नहीं किया जा सकता . उन्होंने कहा कि यह ईमान की पहचान नहीं है.
कुछ निजी चैनलों के साथ बातचीत में खुरशीद ने कहा कि देश की जनता के हित में वह सुबह शाम जय श्री राम का नारा लगायेंग. फिरोज ने यह बात तब कही जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वास का मत प्राप्त किया.
दर असल विश्वास मत हासिल करने के बाद भाजपा के नेताओं ने सदन में जय श्री राम के नारे लगाये. खुर्शीद ने इसी बात पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. बाद में फिरोज ने अपने बयान की गंभीरता को भांपने के बाद कहा कि या अली या जय श्री राम का नारा लगाने में कोई बुराई नहीं. जब उनसे पूछा गया कि मंदिर या मस्जिद में ऐसे नारे लगे तो एक बात है लेकिन सदन में इस तरह का नारा लगाना कहां तक उचित है. खुरशीद ने इस बात के जवाब में दोबारा कहा कि जन हित में हमें जय श्री राम का नारा लगाने में कोई परहेज नहीं है.
उधर फिरोज के इस बयान पर उर्दू दैनिक पिंदार के वरिष्ट पत्रकार डाक्टर रैहान गनी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि सदन में जय श्री राम का नारा लगाना उचित नहीं है. धर्मनिरपेक्ष भावनाओं के अनुकूल नहीं है ऐसे नारे लगाना. जहां तक विधायक खुरशीद अहमद का संबंध है इससे उनके कमजोर ईमान का पता चलता है. ऐसे लोगों को मुसलमान मानना ही गलत है.