लोग सकते में हैं और नाराज भी. आखिर क्या वजह है कि औरंगाबाद के गोह प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी का जब तबादला किया गया तो उसी पद पर उनकी पत्नी को बिठा दिया गया ? बदले की नौकरी की जानिए पूरी कहानी
जानने वालों को पता है कि ऐसी घटनायें इत्तेफाक से नहीं होतीं. यह सुनियोजित रणनीति का हिस्सा होता है. इस लिए गोह प्रखंड में जब नयी शिक्षा पदाधिकारी के पद पर मंजू कुमारी को भेजा गया तो यह पता चला कि वह सुनील कुमार की पत्नी हैं. सुनील का गोह से तबादला कर दिया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय की पैनी नजर इस तबादले पर भी पड़ी. उन्होंने इस संबंध में एक लम्बा पत्र संबंधित अधिकारियों को लिख मारा है. राय सवाल करते हुए कहते हैं कि इससे पहले श्रीमती मंजू कुमारी के पति डॉ० सुनील कुमार गोह प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त थे.
रिश्वतखोरी की मिसल
अपने कार्यकाल में उन्होंने गोह प्रखंड में घूसखोरी की मिसाल कायम की है. उनके इस हरकत की तथ्यात्मक शिकायत मैंने शिक्षा विभाग के सभी आला अधिकारियों से की थी. इस संबंध में पूर्व में 14 मई को प्रेषित इस मेल का अवलोकन किया जा सकता है.
शिव प्रकाश राय के प्रयासों के कारण ही उस समय इनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर आनन्-फानन में श्री उमेश कुमार सिंह को गोह के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार दिलाया गया था. उस समय पूरे प्रखंड में यह हल्ला था कि तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डॉ० सुनील कुमार की पत्नी श्रीमती मंजू कुमारी का पदस्थापन गोह प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के रूप में होना तय है. आज इस सूची को देखकर उस बात की पुष्टी भी हो गई. जिस पदाधिकारी के वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर अभी तक न तो जाँच पूरी हो पाई है और न उस पर कोई कार्रवाई, उसकी पत्नी का पुनः उसी पोस्ट पर पदस्थापन सुशासन की तो खिल्ली ही उड़ा रही है.
शिव प्रकाश राय ने सभी आला अधिकारियों से आग्रह किया है कि श्रीमती मंजू कुमारी का गोह प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद पर स्थानान्तरण और पदस्थापन के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए इनके पति डॉ० सुनील कुमार के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (गोह) पद पर रहते की गई वित्तीय घोटालों की जाँच की जाए और उन पर सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए.
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