रॉबर्ट वाड्रा साहब को अब आप फेसबुक पर नहीं खोज सकते. उन्होंने अपना अकाउंट बंद कर दिया. अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्हें यह क़दम उठाना पड़ा.
अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे वाड्रा ने झुल्ला कर फेसबुक पर कमेंट लिखा मैंगो पीपुल इन बनाना रिपब्लिक. यह आम तौर नाकारात्मक वाक्य माना जाता है. बनाना रिपब्लिक वैसे देश को कहा जाता है जो राजनीतिक रूप से अस्थिर हो.
इस शब्द की उत्पत्ति तुर्की शासन के अधीन आने वाले यूरोप के उन राज्यों से जुड़ी है जिन पर चार सौ साल तक तुर्की का नियंत्रण था पर यह नियंत्रण कहने भर को था. जबकि वे व्यवहार में स्वायित्त हो गये थे.
वाड्रा के इस कॉमेंट पर खासा बवाल हो गया. सोशल साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर भी इसका खासा विरोध हुआ. उनसे माफी की मांगने वालों की तादाद बढ़ने लगी. लोगों की इस तीखी नाराजगी पर झुल्लाते हुए वाड्रा ने फेसबुक अकाउंट ही बंद करने की घोषणा कर दी.
फेसबुक अगर अभिव्यक्ति की आजादी का प्रतीक है तो इसका लोगों ने भरपूर इस्तेमाल किया, जो वाड्रा को रास नहीं आया. लोग यह भी पूछने लगे कि उनके मुताबिक अगर हिंदुस्तान बनाना रिपब्लिक है तो पिछले नौ वर्षों से तो इसकी देखरेख उनकी सास सोनिया ही कर रही हैं. क्या वह कहना चाहते हैं कि सोनिया ने इस देश को बनाना रिपब्लिक बना दिया है?
ऐसे सवालों को देख वाड्र ने कहा मेरी फ्रेंड लिस्ट में ऐसे लोग भी शामिल हो गए हैं जो मजाक तक नहीं समझते.
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