The Prime Minister, Shri Narendra Modi laying the foundation stone of the Dr. B.R. Ambedkar National Memorial, in New Delhi on March 21, 2016. The Union Minister for Social Justice and Empowerment, Shri Thaawar Chand Gehlot, the Union Minister for Science & Technology and Earth Sciences, Dr. Harsh Vardhan and the Ministers of State for Social Justice & Empowerment, Shri Vijay Sampla and Shri Krishan Pal are also seen.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आरक्षण को लेकर राजनीति हो रही है और यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि उनकी सरकार इसे खत्म करने जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। प्रधानमंत्री ने यहां बाबा साहेब डा0 भीमराव अंबेड़कर राष्ट्रीय स्मारक की आधारशिला रखने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि दलितों और दमितों को मिले आरक्षण को कमजोर नहीं किया जाएगा।

The Prime Minister, Shri Narendra Modi laying the foundation stone of the Dr. B.R. Ambedkar National Memorial, in New Delhi on March 21, 2016. 	The Union Minister for Social Justice and Empowerment, Shri Thaawar Chand Gehlot, the Union Minister for Science & Technology and Earth Sciences, Dr. Harsh Vardhan and the Ministers of State for Social Justice & Empowerment, Shri Vijay Sampla and Shri Krishan Pal are also seen.

 

 

आरक्षण कमजोर वर्गों को संविधान से मिला अधिकार है और इस अधिकार को कोई नहीं छीन सकता है। सरकार मानती है कि समाज को दुर्बल बनाकर राष्ट्र को सबल नहीं बनाया जा सकता। यह बाबा साहेब का सपना था जिसे साकार करने के लिए सरकार वचनबद्ध है, लेकिन कुछ लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही है और वह इस पर राजनीति कर दुष्प्रचार में लग गए हैं। कुछ लोग यह काम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय से ही करते आए हैं।

 

श्री मोदी ने कहा कि संविधान में आरक्षण की व्यवस्था जाति विशेष के लिए नहीं की गई है, बल्कि समाज में सदियों से चली आ रही अन्याय की परंपरा को खत्म करने के लिए की गई है। इतने बडे उद्देश्य के लिए बाबा साहेब की ओर से की गई इस व्यवस्था को पूरा सम्मान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर संविधान ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी बाबा साहेब की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उन्हें केवल दलितों के मसीहा के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि वह समाज में होने वाले हर अन्याय और अमानवीय घटना के खिलाफ थे। इसलिए उन्हें विश्व मानव के रुप में देखा जाना चाहिए।

By Editor


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