राजस्थान के झुनझुनू के अपर सेशन न्यायाधीश ने अपने निर्णय में एक युवती का अपहरण और बलात्कार करने के मामले में मुजरिम को सात साल की कैद की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना किया है.
रमेश सर्राफ, राजस्थान से
प्यारेलाल पुत्र रामनिवास जाट निवासी जेजूसर थाना मुकुंदगढ़ को सात वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया हैं। जबकि इस मामले में अन्य दो आरोपियों को बरी कर दिया।
मामले के अनुसार 15 जून 2012 को पुलिस थाना मुकुंदगढ़ पर पीडि़त युवती के भाई ने एक लिखित रिपोर्ट दी कि 12 जून 2012 की दोपहर एक बजे उसकी बहन जो घर पर अकेली थी, उस वक्त एक टवेरो गाड़ी का चालक मोनू व प्यारेलाल व उसके साथ दो-तीन अन्य व्यक्ति उसकी बहिन को घर से जबरन उठाकर पांचों टवेरा गाड़ी में डालकर करीब दो किलोमीटर तक ले गए तथा उसकी बहन के चिल्लाने की आवाज सुनकर पास-पड़ौस के व्यक्ति गाड़ी की तरफ दौड़े तो उसकी बहन को गाड़ी से नीचे पटक कर भाग गए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर बाद जांच प्यारेलाल पुत्र रामनिवास जाट निवासी जेजूसर, मनोज उर्फ मोनू पुत्र रामनिवास जाट निवासी बहादुरवास व नरेश पुत्र जवाहरसिंह जाट निवासी जेजूसर के विरुद्ध संबंधित न्यायालय में धारा 376 (2)(जी) आदि में चालान पेश कर दिया।
इस्तगासा पक्ष द्वारा कुल 15 गवाहान के बयान करवाए गए।न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारीकी से विश्लेषण कर इस मामले में आरोपी मनोज उर्फ मोनू व नरेशकुमार को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया जबकि आरोपी प्यारेलाल को बलात्कार का दोषी मानते हुए उक्तानुसार सजा देते हुए धारा 36 6 में भी चार वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपये अर्थदंड से दंडित करते हुए आदेश दिया कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी।