जनता दल यू के बागी विधायकों ने बिहार विधान सभा के अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी पर भेदभाव आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर काम कर रहे हैं। इन लोगों ने संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है।

 

शनिवार को सुनवाई के लिए पहुंचे विधायक अजीत कुमार, राजू सिंह, पूनम देवी और सुरेश चंचल को स्पीकर ने अगली सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तारीख तय कर दी। बागियों का कहना है कि रेणु कुशवाहा और अन्नू शुक्ला ने पार्टी से खुलेआम बगावत की। रेणु ने लोकसभा चुनाव में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार के लिए प्रचार किया, जबकि अन्नू ने जदयू उम्मीदवार के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। रेणु राज्यसभा उपचुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशियों की प्रस्तावक बनी थीं। लेकिन, स्पीकर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। चारों बागियों का तर्क है कि वे लोग पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो स्पीकर कार्रवाई और सुनवाई के बहाने मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

 

स्पीकर ने शुक्रवार को हुई सुनवाई में विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज बबलू, राहुल कुमार और रविंद्र राय को 2 अगस्त को फिर से तलब किया है। बजट सत्र 1 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। बागियों का कहना है कि स्पीकर ने हमें फिर से समय दे दिया है। जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट आदेश दे रखा है कि राज्यसभा चुनाव में संविधान की 10वीं अनुसूची लागू नहीं होती। फिर स्पीकर कैसे हमें तारीख पर तारीख दिए जा रहे हैं।

assembly

हमलोगों से पहले रेणु कुशवाहा और अन्नू शुक्ला को नोटिस जारी किया गया था। उनके मामले का क्या हुआ? उन दोनों को सुनवाई के लिए क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? अगर कानून समान है, तो वह सब पर लागू होगा। दो तरह का व्यवहार क्यों? उधर संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुंमार ने कहा है कि मामला स्पीकर के पास है। इसपर हम टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? हमें भी स्पीकर के फैसले का इंतजार है। दूसरे पक्ष (बागियों) को भी धैर्य का परिचय देना चाहिए।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427