खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने उद्योगों से अपनी विश्वसनीयता बनाने तथा विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सस्ते सामानों का उत्पादन करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वे मुनाफा कमायें , लेकिन अपनी साख भी बचायें। उन्होंने नई दिल्ली में कहा कि उद्योगों के प्रति लोगों का नजरिया बदला है और उद्योगों में भी नयी सोच आयी है लेकिन अच्छे और बुरे लोग सभी जगह होते हैं ।
श्री पासवान ने कहा कि मुनाफा ऐसे कमाएं जैसे दाल में नमक होता है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को मिलावट को कड़ाई से रोकना चाहिये तथा उसे उपभोक्ता दोस्ताना और श्रमिक हितैषी भी होना चाहिये । उन्होंने कहा कि देश में सस्ता श्रम है और लोगों में क्रयशक्ति है । यदि गुणवत्तापूर्ण सामानों का उत्पादन किया जाता है तो देश में विशाल बाजार है, जिससे उद्योगों को ही फायदा होगा । देश में मिलावटी सामानों का बोलबाला है और दवाओं तक में मिलावट पहुंच गयी है । खाने की वस्तुओं में भी यही स्थिति है ।
श्री पासवान ने कहा कि उद्योगों को उत्पादन लागत घटाने, परिवहन खर्च कम करने तथा कुछ ऐसे उपाय करने चाहिये जिससे गुणवत्तापूर्ण सस्ते सामानों का उत्पादन किया जा सके । सरकार ने सस्ते परिवहन के लिये जल परिवहन का रास्ता खोला है और उद्योगों को इसका लाभ उठाना चाहिये । वस्तु एवं सेवाकर का एक नया रास्ता भी खोला गया है जिससे व्यवसाय आसान होगा। उन्होंने सरकारी कार्रवाई का बाजार पर असर का उल्लेख करते हुये कहा कि पिछले तीन माह के दौरान देश में दलहन की कोई फसल की पैदावार नहीं हुई है फिर भी इसकी कीमतें घटने लगी है और स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि मूंग की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चला गया है, जिसके कारण सरकारी एजेंसियां इसकी खरीद कर रही है ।