बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पूरे राज्य में चलाये जा रहे बाढ़ सुरक्षा सप्ताह (1-7 जून) के अन्तर्गत गुरुवार को पटना में ‘बाढ़ एवंसुखाड़ के दौरान सत्त कृषि कार्य’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बिहार में प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ एवं सुखाड़ के प्रति लोगों को सचेत करना और विशेष रूप से कृषि संबंधी सावधानियों से लोगों को अवगत कराना था।
‘बाढ़ एवंसुखाड़ के दौरान सतत कृषि कार्य’ पर कार्यशाला
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ की समस्या बिहार में काफी लम्बे समय से है। बिहार में एक ही समय में कई जिले बाढ़ की चपेट में होते है, वही बहुत सारे जिले सूखे की मार झेल रहे होते हैं। ऐसे में एक समेकित जल प्रबंधन की आवश्यकता है। श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि बाढ़ सुरक्षा सप्ताह को बाढ़ एवं सुखाड़ सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाये जाने की आवश्यकता है।
उद्घाटन सत्र में बोलते हुए केन्द्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष विभास कुमार ने किसानों द्वारा चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि संबंधी योजनाएं बनाने की सलाह दी। आईआईटी कानपुर के प्रो राजीव सिन्हा ने कोशी नदी की प्रकृति एवं उससे सम्भावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला का अन्तिम सत्र आपदा एवं पूर्व चेतावनी पर आधारित था। इस दौरान कई सार्थक बिंदुओं पर चर्चा हुई।