देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर अंहिसा पर्व मना रहा है. जय जवान, जय किसान के नारे को बुलंद करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के लिए भी नेताओं ने ढ़ेर सारी ट्विट कर श्रद्धांजलि दी है. मगर जब वही किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में गुहार लगाने पहुंचे, तो उन किसानों को ‘जय’ के बदले पुलिस की लाठियां मिली हैं. अहिंसा के इस पर्व पर देश का जवान और किसान आमने सामने है.
नौकरशाही डेस्क
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले नौ दिन पहले हरिद्वार से शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा लंबा सफर तय करते हुए आज दिल्ली के दरवाजे पर खड़ी है. किसान राजघाट से लेकर संसद भवन तक मार्च निकालना चाहते थे. मगर पुलिस ने उन्हें दिल्ली के बॉर्डर पर ही रोक लिया और उन पर लाठियां भी भांजी. प्रशासन की सख्ती के चलते कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई हैं.
इस पर किसान नेता नरेश टिकैत सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाए हैं, नरेश टिकैत का कहना है कि इतना पुलिस बल लगागा गया है, क्या किसान आतंकी हैं? वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ”विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ. अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!”
इसी बीच किसान नेताओं और राजनाथ सिंह के बीच चली बैठक खत्म होने की खबर है. किसान संघ और सरकार के बीच सात मांगों पर सहमति बनी. अब तीन मंत्री मौके पर जाकर किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश रैना और मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी इसकी घोषणा करेंगे.