बाबरी मस्जिद वध्वंस की साजिश रचने के आरोपी लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत 12 लोगों पर सुप्रीम कोर्ट आज कोई बड़ा फैसला सुना सकता है इससे इन नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बाबरी मस्जिद को 6 दिसम्बर 1992 को शहीद कर दिया गया था.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते छह 6 मार्च को अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जतायी थी. इसके बाद शीर्ष अदालत ने अभी हाल ही में भाजपा के नेता सुब्रमणियम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी भी की थी कि स्वामी इस मामले में कोई मुख्य अभियोजक नहीं हैं. 6 मार्च की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्यों नहीं लखनऊ और रायबरेली की अलग-अलग अदालतों में चल रहे मुकदमों का ट्रायल एक साथ किया जाये. कोर्ट के इस सुझाव का सीबीआई ने भी समर्थन किया था.क्योंकि तब उन्हें आपराधिक साजिश के मुकदमे का भी सामना करना पड़ेगा.
इस वक्त विवादित ढांचा विध्वंस करने को लेकर दो मुकदमे लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में चल रहे हैं. लखनऊ का मुकदमा उन कारसेवकों के खिलाफ हैं, जिन्होंने विवादित मस्जिद को गिराया था.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई, 2010 को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला हटा दिया था, जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.