अरविंद शेष बाबा रामदेव को बाबा गुलाम देव पुकारते हुए अपना विरोध जता रहे हैंं और कह रहे हैं कि नोटबंदी का विरोध करने वालों को देशद्रोही कहके उन्होंने अपनी गुलाम और विकृत मानसिकता का परिचये दिया.
तो सुनिये गुलाम देव!
नोटबंदी ने जिन 60 से ज्यादा लोगों की हत्या की, उनकी पीड़ा और उनके परिवारों पर टूटने वाले दुख पर गुस्सा और आक्रोश जाहिर करना देशद्रोह है!
नोटबंदी के बाद मची लूट, मसलन भारी तादाद में 300 का 500 बनाने और करोड़ों-अरबों में भ्रष्ट धन दबाने-बनाने वालों को खुला छोड़ देने के बरक्स गरीब मजदूरों और मेहनत की दिहाड़ी से जीने वालों का खाना तक छीन लेने के खिलाफ आवाज उठाना देशद्रोह है!
नोटबंदी की घोषणा के बाद से अपनी वर्षों की ईमानदारी की कमाई, खून-पसीने की मेहनत के बदले तनख्वाह, टैक्स चुका कर जमा किए गए पैसों को जबरन और गैरकानूनी तरीके से जब्त कर लेने के खिलाफ दुख और गुस्सा जाहिर करना देशद्रोह है!
नोटबंदी के हड़बोंग के परदे तले माल्या जैसे 63 घोटालेबाजों को 7000 करोड़ से ज्यादा की रकम माफ कर देने, कॉरपोरेटों को ऐसे लाखों करोड़ की टैक्स माफी के बरक्स सालों की अपनी मेहनत के बीस या पचास हजार रुपए को पांच सौ या हजार के नोट में बदल कर रखने को भ्रष्ट धन घोषित करने के खिलाफ जुबान खोलना देशद्रोह है!
नोटबंदी के बाद अपनी खून-पसीने की कमाई के जब्त होने और इधर खाने के लाले पड़ने, कहीं आने-जाने की हालत तक नहीं होने, मजदूरी का काम नहीं मिलने, कई जगहों पर लोगों के एक शाम भूखे रह कर गुजारा करने और अपना दर्द अपने भीतर जज्ब करके खून के आंसू रोने के हालात के खिलाफ जुबान खोेलना
तो महोदय गुलामदेव… आपको गुलामी करनी है तो शौक से करें…! मुझ जैसों को पंडों-महंथों से ज्यादा परेशानी नहीं होती… दुख और अफसोस आप जैसों पर होता है कि एक पोजिशन होने के बावजूद खुद को दिमागी गुलामी से बाहर नहीं निकाल सके… अपने तबकों को स्वाभिमान के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई की राह नहीं बता सके…!
गुलाम देव जी जाइए… करिए गुलामी उन पंडों-महंथों की.. जो आपको ताजिंदगी इस्तेमाल भर करेंगे… अपनी सत्ता के औजार बना कर रखेंगे…! जाइए अपनी देशभक्ति बचाइए दिमागी गुलामी को बनाए रखने के लिए..! और हां… हमको देशभक्ति और देशद्रोह के मायने मत समझाइए.. हमको पता है कि आप जैसे मानवद्रोही देश के लिए हमारी निष्ठा पर सवाल उठाने लायक नहीं हैं…!!
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