बक्सर का बाल गृह इन दिनों चर्चा में है। बक्सर के बाल गृह से 13 में से दो बच्चे लापता हैं। ताज़्ज़ुब इस बात का है कि इस मामले में कार्रवाई के नाम पर अभी तक केवल खानापूर्ति ही दिखती है। मामला तब और गम्भीर हो गया, जब बाल गृह से लापता एक बच्चे के बाद गिनती के दौरान एक और बच्चा कम मिला।

 

बबलू  उपाध्याय,  बक्सर 

 

एनजीओ द्वारा संचालित इस इकाई के पास गायब बच्चों के नाम और उम्र के अलावे कोई भी दूसरी जानकारी नहीं है। भवन के बोर्ड पर सरकार का उपक्रम लिखे  समाज कल्याण के तहत बच्चों के कल्याण के लिए शक्तिवर्धिनी द्वारा चलाये जा रहे बक्सर के इस बाल गृह से बच्चों के भागने या यूं कहे कि गायब होने की ये तीसरी वारदात है। हालांकि लापता एक बच्चे को चाइल्ड लाइन की सहयोग से खोजने में कामयाबी तो मिल गयी, पर अब तक दो बच्चों का कोई पता नहीं है। एनजीओ शक्तिवर्धिनी द्वारा चलाये जा रहे बक्सर के बाल गृह से दो बच्चों के गायब होने की खबर के बाद मौके पर पहुंचे जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने जायजा लिया। हाल ही में पटना के अपना घर नामक बाल गृह से बक्सर बाल गृह में कई बच्चों को लाया गया था।  इधर बाल गृह से बच्चे भागे हैं या फिर गायब हुए हैं। इसकी जांच के दौरान जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार भारती ने बताया कि बच्चों के भागने के पीछे की जो कहानी बाल गृह के अधिकारी बता रहे हैं, वह संदेहास्पद लग रहा है।

 

बाल गृह पहुंचे जिला बाल सरक्षण इकाई ,बक्सर के सहायक निदेशक सतेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि बच्चों के भागने का मामला बेहद संगीन है। उन्होंने इस मामले में बच्चों की तस्करी होने का अंदेशा जाहिर करते हुए लापरवाह लोगों पर कार्रवाई की बात कही। इस घटना के बाद बाल गृह के संचालन व्यवस्था पर सवाल उठना भी लाजिमी है। बच्चों को दिए जानेवाले भोजन पर सवाल उठाते हुए खुद बक्सर जिला कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कार्रवाई की मांग की।

 

बक्सर बाल गृह के सुपरिटेंडेंट नवीन विलियम भी मानते हैं कि एक के बाद एक कर हुयी इस तरह की तीन घटनाओं के बावजूद भी बच्चों की सुरक्षा के मामले में चूक हुयी है। बाल गृह से गायब बच्चे कहां और किस हाल में हैं, कोई नहीं जनता। पहले से गायब एक बच्चे के बाद अब राहुल के गायब होने का मामला भी रहस्य्मय बन गया है। पर अब भी कार्रवाई के नाम पर नतीजा ढाक के तीन पात है।  सूत्र बताते हैं कि बक्सर का यह बाल गृह जिस एनजीओ शक्तिवर्धिनी के अंतर्गत चलता है, उसकी मालकिन सुधा वर्मा हैं और वो पटना में रहती हैं। जनवरी से संचालित इस बाल गृह से तीन बार बच्चों का गायब हो जाना वाकई चौंकानेवाला है।

 

By Editor


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