मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ से प्रभावित बिहार के 23 जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. जिस पर नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने निशाना साधा है. तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा है कि CM को बाढ़ की बजाय तथाकथित छवि की चिंता थी. अब लोग डूब रहे है तो छवि पर असर नहीं. सरकार का बाढ़ पर ग़ैर-ज़िम्मेवार रवैया अत्यंत निराशाजनक है.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने आगे लिखा कि CM को विगत 1 महीने से जनादेश का अपमान और दलगत पाला-बदल करने से फुर्सत ही कहाँ था, जो बाढ़ से गरीब-दुखिया के आशियाने उजड़ने की कोई टोह लेते? एक दूसरे पोस्ट में लिखा कि बाढ़ से ग़रीब सबसे अधिक प्रभावित हैं. पाई-पाई जोड़कर उन्होंने जो भी हासिल किया था, वह सब बाढ़ में सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ गया. #BiharFlood
तेजस्वी ने बाढ़ के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि विगत 15 दिनों से मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावजूद बिहार सरकार हाथ पर हाथ धरे लोगों का बाढ़ में डूबने का इंतज़ार करती रही. उल्लेखनीय है महागठबंधन की सरकार से नीतीश के अलग होने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उनपर वार करने के किसी भी मौके को जाने नहीं देते हैं. फिलवक्त वे नीतीश कुमार के खिलाफ जनादेश अपमान यात्रा पर बिहार की जनता के बीच निकले हुए हैं.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की विभीषिका पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की और जानकारी ली. प्रधानमंत्री ने राज्य के बाढ पीड़ितों को केन्द्र की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. प्रधानमंत्री ने आज ट्वीट कर कहा है कि बिहार के कई हिस्सों में भारी बाढ़ पर राज्य के मुख्यमंत्री से बात की है और केन्द्र की तरफ से उन्हें हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है. बिहार में बाढ़ की स्थिति पर सतर्क निगरानी रखी जा रही है.
गौरतलब है कि पिछले चार दिनों में हुई भारी बारिश से बिहार के 13 जिलों में बाढ़ आ गई है. किशनगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, अररिया, गोपालगंज, पूर्णिया समेत अन्य जिलों के करीब 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कोशी, गंडक और उत्तर बिहार की अन्य नदियां उफान पर हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान बाढ़ राहत में लगे हैं.