बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के दूसरे स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तारीफ के पुल बांधे। नीतीश कुमार से मांझी के मनमुटाव की खबरों के बीच सीएम की ‘नीतीश गाथा’ के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। इस मौके पर सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य हित में बिजली के क्षेत्र में कई महत्वपूर्णं निर्णय लिये थे, जिसका परिणाम है कि जहां वर्ष 2005 में 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी, वहीं आज 2831 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है।
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिजली के बगैर राज्य का विकास संभव नहीं हो सकेगा और इसीलिये राज्य सरकार बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। श्री मांझी ने यहां 927 करोड़ रूपये की लागत से स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि बिजली के बिना प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है । वर्ष 2005 में प्रदेश में बिजली निकासी की क्षमता 600 मेगावाट की, जो अब बढ़कर 3500 मेगावाट हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में 5000 मेगावाट बिजली आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में निश्चित रूप से इस लक्ष्य को पूरा किया जायेगा और बिजली के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर हो सकेगा।
श्री मांझी ने कहा कि प्रदेश की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि पर निर्भर है । ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकताओं को देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले लोग लालटेन से काम चला लिया करते लेकिन आज प्रत्येक घर में बिजली की जरूरत है। सभी लोगों की इच्छा होती है कि उन्हें बिजली की सुविधा मिले। इस मौके पर वित्त मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कम्पनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक प्रत्यय अमृत समेत कई अन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।