उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि बिजली के मामले में इस वर्ष नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार छठे स्थान पर है। श्री मोदी ने बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित चार दिवसीय ‘इलेक्ट्रिकल ट्रेड शो’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले तक बिजली के मामले में सबसे निचले पायदान पर रहने वाला बिहार इस साल नीति आयोग द्वारा राज्यों की रैंकिंग में पूरे देश में छठें स्थान पर है।
उन्होंने बताया कि सभी गांवों एवं 1.6 लाख टोलों में बिजली पहुंच जाने के बाद 2005 में जहां राज्य के मात्र 24 लाख घरों में बिजली के कनेक्शन थे वहीं अब वह बढ़ कर 1.39 करोड़ हो गया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 में राज्य में बिजली की कुल मांग पीक आवर में मात्र 700 से 900 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 5139 मेगावाट हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य की बिजली वितरण की क्षमता 10 हजार मेगावाट है। सरकार ने इस साल दिसंबर तक बिजली के सभी जर्जर तारों को बदलने का निर्णय लिया है।
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के 6000 करोड़ रुपये से दिसंबर 2019 तक अलग कृषि फीडर स्थापित कर किसानों को खेती के लिए छह से आठ घंटे बिजली की आपूर्ति की जायेगी। उन्होंने बताया कि बिजली आधारित सिंचाई से कृषि लागत कम होगी और किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी।