जिस दिन एसएसपी मनु महाराज की पुलिस पटना में बिना हेलमेट के बाइकरों से दो लाख रुपये फाइन करके अपनी पीठ थपथपा  रही थी उसी रात खुद एसएसपी बिना हेलमेट के सड़कों पर गश्त लगाते देखे गये.

एसएसपी मनु महाराज: फोटो फेसबुक से
एसएसपी मनु महाराज: फोटो फेसबुक से

 

इर्शादुल हक, सम्पादक, नौकरशाही डॉट इन

ऐसे में सवाल है कि मनु महाराज के ऊपर कितना फाइन लगाया जाये? और यह फाइन कौन लगायेगा?

 

यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि आम जन की शिकायत रहती है कि पुलिस वाले बिना हेलमेट के शहर में गश्त लगाते फिरते हैं लेकिन फाइन आम नागरिकों को भरना पड़ता है. हालांकि ऐसे आरोपों से घिरी पुलिस ने गुरुवार को कई ऐसे पुलिस वालों से भी फाइन वसूले जिन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखे थे.

तब यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या पॉवर वाले कानून से ऊपर हैं?

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इस तस्वीर को गौर से देखिए. ये कोई साधारण पुलिस जवान नहीं बल्कि खुद एसएसपी मनु महाराज हैं. नियम का पालन कराने वाले जिला के सबसे बड़े हाकिम. इन आईपीएस अफसर पर सीएम नीतीश कुमार को भी इतना भरोसा है कि दो बार मजबूरी में पटना से ट्रांस्फर कर दिये जाने के बाद फिर से उन्हें राजधानी पुलिस कr कमान कुछ ही दिन पहले सुपुर्द किया है.

 

नौकरशाही डॉट इन यह सवाल एसएसपी से कर सकता था और पूछ सकता था कि वह बतायें कि उन्होंने यह गैरकानूनी काम किया तो इस पर उन्हें कितना फाइन होना चाहिए. लेकिन हम यह सवाल उनसे पूछने से पहले आम लोगों की राय जानना बेहतर समझते हैं.

 

हालांकि यहां यह बता देना जरूरी है कि रात के पिछले पहर एसएसपी चेहरे पर रुमाल ढ़के इसलिए बाइक से निकले थे कि वह इस बात का जायजा ले सकें कि उनकी पुलिस के गश्ती दल के अफसरान कितनी तंदही से ड्युटी करते हैं. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि अच्छे मकसद की प्राप्ति के लिए भी गलत ढ़ंग से काम करने को भी गलत ही कहा जाता है.

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