बिहार बिल्डिंर एसोसिएशन के आंदोलन का असर बिहार सरकार पर स्पष्ट पड़ा है और नतीजा यह है कि मुख्यमंत्री ने बिल्डिंग बॉयलाज में सुधार की बात स्वीकार कर ली है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बिल्डरों को आश्वासन दिया कि बिल्डिंग बायलाज की समीक्षा कर ही अंतिम रूप दिया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों से कहा कि आबादी को ध्यान में रख छोटे-बड़े शहरों को विभिन्न श्रेणी में रखा जाए और अलग-अलग तीन या चार बायलाज बनाकर संपूर्ण बिहार को कवर किया जाए.
पढें- बिल्डर एसोसिएशन प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज
मालूम हो कि हाल ही में राज्य सरका ने बिल्डिंग बॉयलाज की घोषणा की थी जो पूरे बिहार के लिए एक समान था जिसका बिल्डर एसोसिएशन ने जम कर विरोध किया था. बिल्डर एसोसिएशन का आरोप था कि यह बॉयलाज बड़े बिल्डरों के हितों को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
बिल्डिर एसोसिएशन के प्रभात कुमार सिंह का कहना है कि मौजूदा बॉयलाज के आधार पर पटना या पूरे बिहार में मकान नहीं बनाये जा सकते क्योंकि इनमें इतनी कड़ी शर्तें हैं कि जमीन का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा पर निर्माण की इजाजत नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि पटना में कम पड़ती जमीन और घनी आबादी के मद्देनजर लोगों के मकान का सपना इन शर्तों के रहते पूरा नहीं किया जा सकता. बिल्डर एसोसिएशन के विरोध के बावजूद तब सरकार ने इस बॉयलाज में सुधार करने से इनकार कर दिया था लेकिन एसोसिएशन ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था.
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल करते हुए इस बॉयलाज में संशोधन की बात स्वीकार कर ली है.
मुख्यमंत्री ने कहा पूरे प्रदेश में एक ही बायलाज लागू न किया जाए. जरूरत पड़े तो बिल्डरों के साथ एक-दो बैठकें और कर नए बिल्डिंग बायलाज को एक माह में अंतिम रूप दे दिया जाए. सीएम सोमवार को राजगीर में आयोजित उद्यमी पंचायत में निर्माण क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है.
उन्होंने कहा कि यह ख्याल रहे कि जो भी भवन बने वह आपदा निरोधक बने, खासकर भूकंप, बाढ़ या आग, का मुकाबला कर सके.
बिहार बिल्डिंग एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के इस बयान का स्वागत किया है.