बिहार कांग्रेस में फूट की खबरों के बीच आलाकमन अब प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर चुका है. चौधरी इस खबर से इतने आहत हैं कि उनकी आंखों से आंसू भी छलक गये.
चौधरी ने मीडिया से कहा कि 25 सालों से कांग्रेस में हूं. कुछ बड़े नेता उन्हें पसंद नहीं करते. मंत्री बना तो भी उन्हें मैं नापसंद था और अब पार्टी अध्यक्ष पद पर मेरा होना भी उन्हें पसंद नहीं है.
गौरतलब है कि बिहार कांग्रेस में फूट की खबरें समय-समय पर उजागर होती रही हैं. इसी बात के मद्देनजर सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को दिल्ली तलब किया था. अब राहुल गांधी ने तमाम विधायकों के साथ बैठक करके हालात का जायेजा लिया है. ज्यादातर विधायक अशोक चौधरी से खफा हैं.
हिंदुस्तान अखबार ने दिल्ली से खबर छापी है कि विधायकों और एमएलसी के साथ अलग-अलग मुलाकात के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में प्रदेश अध्यक्ष बदलना तय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी की जिम्मेदारी पार्टी के फैसले को अमलीजामा पहनाना है। वह यह तय नहीं कर सकते कि पार्टी को किसके साथ गठबंधन करना चाहिए या किस पार्टी के साथ नहीं करना चाहिए।
ध्यान रहे कि पिछले एक पखवाड़े में ऐसा दो बार हुआ जब मीडिया में यह खबरें आयीं कि अशोक चौधरी विधायकों के एक धड़े के साथ जद यू में शामिल होना चाहते हैं. हालांकि चौधरी ने कभी सार्वजनिक तौर पर इस मामले में टिप्पणी नहीं की. लेकिन अब जो हालात बन रहे हैं उससे यह लगने लगा है कि कांग्रेस आला कमान चौधरी की छुट्टी करके ही रहेगा.