जदयू के बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भाजपा पर मुद्दारहित राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा देश के मानचित्र पर बिहार और बिहारवासियों की गलत तस्वीर पेश कर रही है।
श्री सिंह ने पटना में कहा कि भाजपा मुद्दारहित राजनीति को आधार बनाकर बिहार की राजनीति को प्रभावित करने में मशगूल है। शहरी विकास के मॉडल को लागू करने की मनोवृत्ति वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी का सबसे बड़ा विरोधाभास यह है कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री बिहार को बीमारू राज्य कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के सिपहसलार और बिहार के भाजपा नेता बिहार के विकास के श्रेय को हथियाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के क्रम में बिहारवासियों से कई वायदे किए थे, जिसमें विशेष राज्य का दर्जा, विशेष ध्यान देने और विशेष पैकेज जैसे मुद्दे शामिल थे।
जदयू नेता ने कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ होने के पंद्रह महीने बाद प्रधानमंत्री को बिहार की याद आयी है, वह भी ऐसे समय जबकि बिहार में चुनाव सामने है। अब भाजपा को पूर्व में दिये आश्वासन और वायदे पर बात करने में दिक्कत महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह माह के दौरान केन्द्र ने बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया है, सिवाय जुमले उछालने के। उन्होंने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के महागठबंधन को लेकर उठाये जा रहे सवालों पर कहा कि नीतीश जी और लालू जी के मिलने से उनकी (प्रधानमंत्री) चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि दोनों नेता संघर्ष और आंदोलन से निकले नेता हैं।