97 वर्ष के अपने इतिहास में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुसलेमीन ने पहली बार बिहार में कदम रखा. किशनगंज में इसके अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा कि उनकी पार्टी 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
नौकरशाही न्यूज
रविवार को किशनगंज में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि सेक्युलरिज्म के नाम पर कुछ सियासी पार्टियां डरा कर मुसलमानों का वोट लेती रही हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यह समझना होगा. उन्होंने अख्तरुल ईमान को किशनगंज के विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित करते हुए उनको जीत दिलाने का अह्वान किया.
1918 में बनी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुसलेमीन (AIMIM) हदराबाद की राजनीतिक पार्टी है. ओवैसी इसके अध्यक्ष हैं. एआईएमाईएम अपने हार्डलाइन बयानों के लिए जानी जाती है. केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इस पार्टी को मुसलमानों के एक वर्ग में पहचान बढ़ी है.
ओवैसी ने अपने भाषण में सेक्युलरिज्म का नारा लगाने वाली पार्टियों को तो अपना निशाना बनाया लेकिन उन्होंने भाजपा के खिलाफ कुछ ज्यादा नहीं कहा.
ओवैसी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाले हैं. राजनीतिक टीकाकारों का मानना है कि ओवैसी ने जानबूझ कर बिहार के सीमांचल के इलाकों को चुना है क्योंकि वहां मुसलमानों को अच्छी आबादी है. किशनगंज के अख्तरुल ईमान ओवैसी की पार्टी के बिहार का चेहरा बने हैं. ईमान वही नेता हैं जिन्होंने जद यू से टिकट मिलने के बाद अचानक चुनाव मैदान से पीछे हट गये थे.
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