2 नवम्बर को नरेंद्र मोदी बिहार में थे.इस दिन यूपी के सीएम भी यहीं थे.पर बिहार के हिंदी अखबारों ने अखिलेश की खबर को अछूत सा बना दिया जबकि मोदी को सर आंखों पर बिठाया.आखिर कैसे
बिहार के तीन बड़े हिंदी अखबार हिंदुस्तान, दैनिक जागरण और प्रभात खबर ने जिस तरह से अखिलेश यादव के बिहार दौरे को इग्नोर किया है उससे इन अखबारों की मानसिकता को समझा जा सकता है. जबकि अखिलेश यादव देश के सबसे बड़े राज्य के न सिर्फ मुख्यमंत्री हैं बल्कि हालिया मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मीडिया और जनता की नजरें भी उन पर लगी हैं.
आइए देखते हैं बिहार के अखबारों ने अखिलेश कैसे इग्नोर किया और नरेंद्र मोदी के गुणगान में कैसे कई-कई पेज समर्पित कर दिये-
दैनिक जागरण
दैनिक जागरण के पहले पेज पर कुल सात खबरों में से मोदी से जुड़ी चार खबरें हैं. पेज नम्बर दो पर भाजपा और मोदी से जुड़ी चार खबरें हैं. और तो और पेजन नम्बर सात को इस अखबार ने पूरी तरह से नरेंद्र मोदी को समर्पित करते हुए पेज का नाम दिया है सांत्वना यात्रा इस एक पेज में मोदी की चार चार तस्वीरें हैं. दैनिक जागरण और भाजपा का संबंध वैसे तो जग जाहिर है पर पत्रकारिता के इस ट्रेंड को देख कर काफी निराशा इसिलिए भी झलकती है कि उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, का मुख्यमंत्री बिहार दौरे पर इसी दिन आते हैं और उनकी खबर पेज नम्बर एक की तो बात ही छोड़िए पेज नम्बर 12 पर दो कॉलम की खबर नसीब होती है.
दूसरी तरफ इन अखबारों के रवैये की फेसबुक पर जोरदार आलोचना हो रही है. रामाधार शर्मा ने टिप्पणी की है कि पूंजवादी मीडिया ने देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री की खबर को मोदी की अंधभक्ति में इग्नोर कर दिया. जबकि भावेश भारद्वाज ने भी भी अखिलेश को इग्नोर करने की कड़ी आलोचना की है वहीं सुधीर कुमार ने इसे सामंती मीडिया के कमाल की झलक करार देते हुए अपने क्रोध का इजहार किया है.
खबरों का चयन करने वाले पत्रकार और सम्पादक इसके पीछे का तर्क दे सकते हैं कि मोदी बमविस्फोट के पीड़ितों को सांत्वाना देने आये थे. इसलिए उनके कवरेज को प्राथमिकता तो मिलनी ही चाहिए पर उन सम्पादकों को कौन समझाये कि वह एक खबर यह भी तो लगा सकते थे कि इन्ही मोदी के राज्य में आतंकी बम हमले से गुरात के काशीनाथ की पत्नी की मौत हुई थी उनके परिवार से मोदी आज तक क्यों नहीम मिले? जबकि गुजरात के आतंकी हमला के 5 साल बीत गये हैं.
हिंदुस्तान
पेज नम्बर एक और पेज नम्बर 2 पर मोदी या भाजपा की खबरें लीड बनी है. सुशील मोदी से जुड़ी भी एक खबर इस पेज पर है. ध्यान रहे कि हिंदुस्तान का यह पेज पूरे बिहार के लिए है. इस तरह पेज नम्बर एक से तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गायब हैं ही, पेज नम्बर 2 पर भी हिंदुस्तान ने उन्हें इस लायक नहीं समझा कि उनकी खबर को जगह दी जाये. इतना ही नहीं हिंदुस्तान की दरिया दिली नरेंद्र मोदी के प्रति पेज नम्बर 9 पर भी दिखती है जहां इस अखबार ने उनके लिए आधा पेज समर्पित कर दिया है. इस पेज पर और कोई खबर नहीं है. बाकी विज्ञापन है. दैनिक जागरण से किसी भी तरह खुद को पीछे न रखने की प्रतिद्वंदिता हिंदुस्तान के पेज नम्बर 10 पर भी झलकती है. जहां इसने मोदी पर पूरा पृष्ट कुर्बान करते हुए उनकी दो फोटो, आठ बड़ी और चार संक्षिप्त खबरें लगायी हैं.
हिंदुस्तान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बिहार के छपरा में आयोजित समारोह की खबर 17 नम्बर पेज पर लगायी है.
प्रभात खबर
प्रभात खबर भी जागरण और हिंदुस्तान की चाल चलता हुआ दिख रहा है. पेज एक पर विज्ञापन होने के कारण मेन पेज 3 को बनाया है जहां मोदी तो प्रमुखता से हैं ही, पर पेज नम्बर दो को बोनस के तौर पर मोदी के हवाले कर दिया गया है. पेज नम्बर दो और मेन पेज के अलावा प्रभात खबर का मोदी प्रेम पेज नम्बर 7 पर भी दिखता है जबकि अखिलेश यादव से जुड़ी खबर पेजन नम्बर 9 पर दो कॉलम में समेट दी गयी है.
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