कामरान गनी सबा
कभी प्रखंड स्तर पर प्रधानअध्यापक और शिक्षकों की बैठक, कभी कृमि मुक्त अभियान और अब शुक्रवार के दिन वार्षिक मूल्यांकन की तिथि की घोषणा कर के लगातार शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी काट ली जा रही है. ऐसा करके शिक्षा विभाग यह साबित करना चाहता है कि उसके नज़दीक राज्यपाल के उस आदेश का भी कोई महत्व नहीं है जिसमे न सिर्फ उर्दू विधालयों बल्कि सभी सरकारी विभाग के मुस्लिम कर्मचारियों को शुक्रवार के दिन अपराहन 12:30 से 2:30 तक जुमा की नमाज़ के लिए अनुमति प्रदान की गई है.
गौरतलब है कि इस संबंध में स्प्ष्ट तौर पर सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से संकल्प पत्र संख्या 10298, दिनांक 20 जुलाई 2012 में इस बात का उल्लेख है.
बिहार शिक्षा परियोजना ने वार्षिक मूल्यांकन की जो समय सारणी जारी की है उसके अनुसार दिनांक 17 मार्च को शुक्रवार से ही परीक्षा शुरू होनी है. ऐसे में सभी उर्दू विधालय भी शुक्रवार के दिन खुले रखने होंगे. 24 मार्च को परीक्षा समाप्ति का दिन भी शुकवार ही है. शुक्रवार के दिन उर्दू स्कूलों को खुला रखने का आदेश शिक्षा विभाग ने आखिर किस आधार पर लिया है, यह सवाल उर्दू आबादी के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है.