हालात ऐसे बने कि पीएम मोदी को भी अनिल सिन्हा को सीबीआई के नये निदेशक के रूप में स्वीकार करना पड़ा. बिहार के एक सिन्हा गये तो इस पद पर दूसरे बिहारी और सिन्हा सरनेम के अफसर ही काबिज हुए.
सीबीआई के निदेशक और बिहार कैडर के रंजीत सिन्हा मंगलवार को रिटायर हुए. उनकी जगह बिहार कैडर के 79 बैच के आईपीएस अफसर अनिल सिन्हा ने ले ली है.
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अनिल सिन्हा फिलहाल सीबीआई में ही विशेष निदेशक के पद पर तैनात थे, जो इस संस्था का दूसरा शीर्ष पद है.
नए सीबीआई चीफ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को बैठक की जिसमें अनिल सिन्हा के नाम पर मुहर लगी. जानकार बताते हैं कि इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एचएल दत्तू कुछ तकनीकी और जांच की बारीकियों के मद्देनजर अनिल सिन्हा के नाम पर अड़ गये. जिसे पीएम मोदी ने भी स्वीकार कर लिया. इस चयन समिति में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल थे.
तीनसदस्यों वाली यह उच्च स्तरीय समिति के सामने वैसे तो 42 से 43 संभावित अधिकारियों के नाम रखे गए थे, बाद में इन नामों में अनिल सिन्हा के अलावा शरद कुमार का नाम आया. शरद एनआईए के महानिदेशक हैं.
अभि चूंकि सीबीआई के निर्वतमान निदेशक रंजीत सिन्हा सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर रहे हैं और हाल ही में अदालत ने उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी की ती और उन्हें 2जी घोटाले की जांच से अलग कर दिया गया ता और उसकी जिम्मेदारी अनिल सिन्हा को ही सौंपी गयी ती. ऐसे में सीबीआई निदेशक पद पर सिन्हा की दावेदारी पुख्ता हो गई.
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के दौरान अनिल सिन्हा एडीजी मुख्यालय और एडीजी लॉ ऐंड आर्डर रह चुके हैं। पटना के गोला रोड में रहने वाले अनिल ने अपनी पढ़ाई लिखाई पटना विश्वविद्यालय से की है.
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