बिहार के श्रम संसाधन मंत्री श्री विजय प्रकाश ने, जमुई जिला के केड़िया गाँव में, राज्य के पहले सोलर शीतगृह का उद्धघाटन किया। केड़िया के किसान पिछले दो सालों से कुदरती खेती करके देश के किसानों के लिये उदाहरण बने हैं। सोलर चालित शीतगृह के लगने के बाद वहां के किसानों के जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो गया है।
ग्रीनपीस के कैम्पैनेर इश्तियाक अहमद का कहना है, “देश की आजादी के वर्षगांठ के कुछ दिन पहले हम केड़िया के किसानों के साथ एक नई आज़ादी का जश्न मना रहे हैं: यह आज़ादी है- रसायनों के दुष्प्रभाव से, ऊँची लागत और जानलेवा कर्ज से, मौसम और बाजार की स्थितियों की अनियमितता से और औने-पौने दामों में बेचने की मजबूरी से।”
इस कोल्ड स्टोरेज के लगने के बाद केड़िया के किसान अपनी पैदावार का भंडारण कर सकते हैं। उन्हें इन उत्पादों को बाज़ार में अपनी शर्तों पर बेचने का मौका मिलेगा। किसानों को ऑर्गेनिक उत्पादों के एवज में उचित कीमत मिल सकेगी जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही, किसान अपने पारंपरिक बीजों को संरक्षित करेंगे। सोलर से संचालित यह कोल्ड स्टोरेज केड़िया के किसानों द्वारा पर्यावरणीय, इकॉलोजिकल कृषि और जीवन पद्धति को अपनाने की कोशिश को मजबूत बनायेगा।
इस अभियान से जुड़ी किसान सुनीता देवी कहती हैं, “अभी तक हम व्यापक तौर पर सब्ज़ी इसलिए नहीं उपजाते थे कि हमें इसके बर्बाद होने का डर रहता था, अब चूँकि हमारे गाँव में सोलर कोल्ड स्टोरेज लग रहा है तो हमने अधिक सब्ज़ी की खेती शुरू कर दी है। अब हमें ना ही सब्ज़ी सड़ने का डर है, न हमें अपना उत्पाद औने-पौने दामों पर बेचना पड़ेगा। अब तो हम बाज़ार में बेहतर क़ीमत आने का इंतज़ार कर सकते हैं।”
अक्षय ऊर्जा से संचालित होने के इलावा, इस शीतगृह की सबसे खास बात यह है कि यह देश भर के लोगों के सहयोग का प्रतीक है: इस शीतग्रह को ऑनलाइन चंदा इकट्ठा करके स्थापित किया गया है। देश में कृषि उत्पाद का लगभग 40 फीसदी नष्ट हो जाता है क्योंकि किसानों के पास उत्पादन के भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है । लेकिन ग्रीनपीस इंडिया ऑनलाइन क्राउडफंडिग करके केड़िया के किसानों के लिए सोलर शीतगृह लगाने में कामयाब रहा। ग्रीनपीस के इस मुहिम में बॉलीवुड से जुड़े कई हस्तियां जैसे वहीदा रहमान, पुजा बेदी, पंकज त्रिपाठी व सलीम मर्चेंट ने वीडियो जारी कर लोगों से केड़िया के किसानों की मदद करने की अपील की।
साथ ही, केड़िया के सभी किसानों ने जीवित माटी किसान समिति में जुड़ कर अपने गाँव को बिहार सरकार की कृषि योजनाओं से जुड़कर ही आदर्श जैविक गाँव बनाने का निर्णय लिया है। मिट्टी को स्वस्थ बनाने के लिए वे अपने खेतों में वर्मीखाद, अमृत पानी, जीवामृत, घन जीवामृत, गौमूत्र और मानव मूत्र जैसे रसायन-मुक्त उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। फसलों पर लगने वाले कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए वे नीमामृत, अग्निअस्त्र, तम्बाकू के चूर्ण से बने कीट नियंत्रक दवाईयों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें जिला प्रशासन का पूरा सहयोग प्राप्त है।