बिहार के प्रथम प्रिमियर मोहम्मद यूनुस की 131वीं जयन्ती के अवसर पर सोमवार को बिहार सरकार ने पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में एक राजकीय समारोह का आयोजन किया गया.
इस समारोह में संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार मुख्य अतिथि थे. इसके साथ ही इस समारोह में मोहम्मद यूनुस के परिवार से ‘बैरिस्टर मो. यूनुस मेमोरियल कमिटी’ के अध्यक्ष मोहम्मद काशिफ़ यूनुस, सचिव हुमा यूनुस व बाबर यूनुस भी शामिल थे.
कार्यक्रम की शुरूआत सांस्कृतिक गीतों व तबला वादन से हुई. मोहम्मद यूनुस के जीवन का संक्षिप्त विवरण दिया गया. उसके बाद मोहम्मद यूनुस की तस्वीर पर अतिथियों ने फूल-माला चढ़ाकर उन्हें भावभिनी श्रृंद्धांजलि अर्पित की.
2013 से यूनुस की जयंती राजकीय सम्मान के साथ आयोजित की जाती है. इसकी घोषणा 13 मई, 2012 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोहम्मद यूनुस की याद में आयोजित एक कांफ्रेस में की थी.
युनूस आजादी से पहले, बिहार के प्रियमियर थे. तब इस पद को प्रधान मंत्री कहा जाता था.
ये बिहार के प्रधानमंत्री थे. रिपोर्ट बताता है कि 1935 में ब्रिटिश पार्लियामेंट ने ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट’ पारित किया था. एक्ट में प्रधानमंत्री का पदनाम प्रांतीय सरकार के प्रधान के लिए था, लेकिन व्यवहार में वो पद वही था जो आज मुख्यमंत्री का है. इस एक्ट के तहत 1937 में भारत में प्रांत स्तर पर चुनाव हुए. इस चुनाव में बिहार सहित सभी प्रांतों में कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत हुई. तब प्रांतीय सरकार में गवर्नर के हस्तक्षेप के सवाल पर कांग्रेस ने सभी जगह सरकार बनाने से इनकार कर दिया था. लेकिन कांग्रेस के इनकार के बाद बिहार में मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी के मोहम्मद यूनुस ने सरकार बनाई. एक अप्रैल, 1937 को वे बिहार ही नहीं सभी प्रातों में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले पहले शख्स बने. यूनुस 19 जुलाई 1937 तक अपने पद पर रहे.
यूनुस का जन्म 4 मई 1884 को बिहार में पटना के करीब पनहरा गांव में हुआ था. उनके पिता मौलवी अली हसन मुख्तार मशहूर वकील थे और उन्होंने लंदन से वकालत पढ़ी थी.
यूनुस ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन बाद में वे महात्मा गांधी की असहयोग नीति और दूसरे राजनीतिक कारणों से कांग्रेस से अलग हो गए. फिर उन्होंने 1937 के चुनाव के समय मौलाना सज्जाद के साथ मिलकर मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी बनाई.
आज़ादी के बाद बने किसान मजदूर प्रजा पार्टी के गठन में भी मोहम्मद यूनुस ने अहम भूमिका निभाई थी. 1952 में 13 मई को मोहम्मद यूनुस का इंतकाल हुआ.
उन्होंने बिहार विधानमंडल और पटना हाईकोर्ट जैसी इमारतों की नींव भी रखी. एक वकील और राजनेता के साथ-साथ यूनुस एक सफल उद्यमी, बैंकर और प्रकाशक भी थे. उनके द्वारा पटना में बनाया गया ग्रैंड होटल तब के बिहार का पहला आधुनिक होटल था. इसी होटल के एक हिस्से में मोहम्मद यूनुस रहा करते थे. साथ ही तब यह होटल उस दौर का महत्त्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र हुआ करता था.
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