मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष पैकेज के बजाए सूबे को विशेष दर्जा देने की मांग आज एक बार फिर से दुहराते हुए कहा कि वह प्रदेश के विकास के लिए कहीं भी जाने को तैयार है और राज्य के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे ।
श्री कुमार ने सिंचाई भवन के अधिवेशन सभागार से आठ विभागों की 19499 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के कुछ जिलों में उद्योग लगाने के लिए छूट देने से कुछ होने वाला नहीं है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। जिससे कंपनियों का बिहार में निवेश होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ पैकेज देने से काम नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के पैकेज का अध्ययन कर रहे हैं और समय आने पर पैकेज की वास्तविकता का खुलासा करेंगे।
कुल 19499 की योजनाओं में योजना एवं विकास विभाग की 2259 करोड़, नगर विकास की 626 करोड़, पथ निर्माण विभाग की 8834 करोड़, ऊर्जा विभाग की 5541 करोड़, ग्रामीण कार्य विभाग की 2138 करोड़, उद्योग विभाग की 31 करोड़, कला संस्कृति की 39 करोड़ और भवन निर्माण विभाग की 28 करोड़ रुपए की योजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकेज की घोषणा कर दी गयी है लेकिन पैकेज में क्या-क्या मिला है, यह देखना होगा। उन्होंने कहा कि हम बिहारी है और बिहार के हक के लिए लड़ते रहेंगे। बिहार की भलाई के लिए जहां जाना होगा हम जायेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर पूर्व की योजनाओं का नाम बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कई योजनाओं का नाम बदला जा रहा है, लेकिन नाम बदलने से काम नहीं होने वाला।