सर्वोच्च- न्यामयालय ने लापता बच्चों की खोज में लापरवारही बरतने की शिकायतों के आरोप में बिहार और झारखंड के मुख्यच सचिव और डीजीपी को 30 अक्टूाबर को व्य क्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। न्यारयालय एक एनजीओ की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया है। इन राज्यत सरकारों पर लापता बच्चोंश की खोज में सर्वोच्चऔ न्याायालय के दिशा निर्देशों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है।
गैरसरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर तथा न्यायमूर्ति एके सिकरी की खंडपीठ ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को आगामी 30 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इन सभी को यह बताने को कहा है कि लापता बच्चों की खोज आदि से संबंधित उसके दिशा निर्देशों पर उन्होंने अब तक अमल क्यों नहीं किया।
न्यायालय ने कहा है कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव एवं डीजीपी 30 अक्टूबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताएं कि आखिर दोनों राज्यों ने लापता बच्चों को ढूंढ निकालने के लिए उसके 2013 के संबंधित दिशा निर्देशों पर अब तक अमल क्यों नहीं किया गया। खंडपीठ ने देश में लापता बच्चों की बढ़ती संख्या पर चिंता भी जताई है। साथ ही पूरे देश में स्कूली बच्चों के बीच बढ़ती नशे की लत पर सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 अक्टूबर तक जवाब देने को भी कहा है।