‘नेशनल इंप्लायबिलिटी रिपोर्ट ऑफ इंजीयरिंग ग्रेजुएट’ के अनुसार दिल्ली, बिहार और झारखंड के इंजीनियर देश में सबसे प्रतिभावान हैं.
एसपायरिंग माइंड्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिमांशु अग्रवाल के नेतृत्व में हुए अध्ययन का यह नतीजा है. उनका कहना है कि, ‘हमारी नेशनल इंप्लॉयबिलिटी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग स्नातकों में रोजगार की क्षमता, योग्यता तथा उनकी आकांक्षा का पता लगाया गया है.’
दक्षिण के राज्यों की तुलना में उत्तर के राज्यों के इंजीनियरों में प्रतिभा अधिक है. दिल्ली में सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिये इंजीनियरों में काम की काबिलियत सर्वाधिक 13 प्रतिशत पायी गयी जबकि चेन्नई के मामले में यह सबसे कम एक प्रतिशत रही.
हालांकि इस मामले में बेंगलूरु दक्षिण तथा पश्चिमी शहरों में सबसे ऊपर है जहां के इंजीनियरों में रोजगार की काबिलियत 3.7 प्रतिशत है.
अध्ययन के अनुसार नियुक्ति नजरिये से छोटे शहरों की उपेक्षा नहीं की जा सकती क्योंकि प्रत्येक छह इंजीनियरिंग कालेजों में कम-से-कम एक छोटे शहरों में हैं. छोटे शहरों में 12 प्रतिशत इंजीनियरों में रोजगार की काबिलियत है. संख्या के लिहाज से 13,000 है.
राज्यों में रोजगार के लिहाज से काबिलियत के बारे में अग्रवाल ने कहा कि कुछ राज्यों से बड़ी संख्या में इंजीनियर निकल रहे हैं लेकिन औसतन रोजगार की काबिलियत उल्लेखनीय रूप से कम है. उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि राज्यों को केवल क्षमता बढ़ाने के बजाए बेहतर शिक्षा गुणवत्ता को लेकर सचेत होने की जरूरत है.