तो बिहार ने दुनिया में सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बना कर इतिहास गढ डाला है. दो करोड़ के अनुमान से कहीं ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए. सीएम नीतीश कुमार इस अवसर पर पटना के गांधी मैदान पहुंचे और इंसानी जंजीर का हिस्सा बने.
पटना का गांधी सेतु स्कूली बच्चों की इंसानी जंजीर से पटा तो राज्य के कोने कोने में लोगों ने इस मुहिम का कामयाब बना डाला. पटना में मुख्यसचिव और गृहसचिव समेत तमाम नौकरशाह जुटे तो विपक्षी भाजपा और उसकी सहयोगी लोजपा के नेता भी इस अभियान में जुटे. राजद के प्रदेश अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे अपने सहयोगियों के साथ बेली रोड पर उतरे.
वैसे तो यह श्रृंखला 12.15 बजे से बननी थी लेकिन लाखों की संख्या में स्कूली बच्चे दस बजे से ही कतारों में लग गये. और एक पंद्रह बजे तक डटे रहे.
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच जनवरी को शराबबंदी के नीतीश कुमार के अभियान को साहसिक कदम बताया था और कहा था कि सामाज परिवर्तन का काम जोखिम भरा होता है जिसमें लोग हाथ डालना नहीं चाहते लेकिन नीतीश कुमार ने यह साहसिक कदम उठाया है. उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे अभिया तभी सफल होते हैं जब समाज का हर आदमी इसमें सहोयग करता है.
21 जनवरी को बिहार के लोगों ने इस अभियान में शामिल हो कर साबित कर दिया कि शराबबंदी और नशामुक्ति के अभियान को सफल बनाने के लिए बिहार तैयार है.
प्रकाश पर्व के सफल आयोजन के बाद नीतीश कुमार ने तभी घोषणा कर दी थी कि बिहार एक और बड़ा आयोजन करने वाला है और उसमें भी सफल होगा. गौरतलब है कि प्रकाश पर्व की सफलता पर पूरे देश में चर्चा हुई थी.
इस इंसानी जंजीर में हिस्सा लेने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी नीतीश कुमार के साथ हाथ जोड़ कर खड़े हुए.