मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरक्का बराज के मुद्दे पर केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश में प्रति वर्ष बाढ़ की विभीषिका के लिए केन्द्र के रवैये को जिम्मेवार ठहराया है। श्री कुमार ने भागलपुर में चेतना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि फरक्का बांध का खामियाजा बिहार को भुगतना पड़ता है, वे बीते दशक भर से केन्द्र के समक्ष यह मुद्दा उठाते रहे हैं लेकिन अब तक इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। उन्होंने ऐलान किया कि वह अब फरक्का बराज के मुद्दे पर सामाजिक और राजनीतिक तौर पर अभियान चलाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में आगामी 25 फरवरी को पर्यावरणविदों के साथ होने वाली बैठक में इसकी चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि बैठक में जलपुरुष के रूप में ख्याति पा चुके मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह भी शामिल होंगे। राजेन्द्रजी से भी इस मसले पर चर्चा की जायेगी।
श्री कुमार ने कहा कि राज्य में हर साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका के लिये केंद्र सरकार जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर बना फरक्का बराज राज्य में बाढ़ को लाने में मदद करता है। श्री कुमार ने फरक्का बराज की उपयोगिता पर पूर्व की तरह सवाल खड़े करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की गलती का परिणाम राज्य को भुगतना पड़ता है।