बिहार सरकार शसन में बेहतरी लाने के मकसद के लिए एक महत्वाकांक्षी फैसले को अंतिम रूप देने में जुटी है. इसके तहत सरकार द्वार सेंटर फार गुड गवर्नेस सोसाइटी को जमीन पर उतारने की तैयारी आरंभ कर दी गई है. इसमें मुख्य सचिव की तरह वेतन सुविधा प्राप्त महानिदेशक सह कार्यपालक निदेशक के पद का सृजन किया जाना है. इसके लिए 80 हजार से एक लाख रुपए के वेतन पर निदेशक के साथ विभिन्न तरह के पदों का सृजन किया जायेगा.इसके लिए प्रशासी पदवर्ग समिति की मंजूरी के बाद कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी की जा रही है. इस सोसाइठी का मकसद प्रशासनिक सुधार, प्रशासनिक तंत्र की मजबूती के लिए नियमित परामर्श एवं बौद्धिक विकास के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों की बौद्धिक विचारक संस्था की स्थापना करना है.
प्रशासनिक व्यस्था को ध्यान में रखते हे इसके नवनिर्माण व सर्वोत्तम व्यवस्था तथा प्रशासन एवं सेवा प्रदान करने की व्यवस्था पर शोध एवं उपलब्ध ज्ञान का प्रबंधन भी किया जायेगा. यह शासी निकाय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम करेगी जिसमें मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, महानिदेशक बिपार्ड, प्रधान सचिव वित्त, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन के अलावा ख्याति प्राप्त एकेडमिक इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष जैसे- भारतीय प्रबंधन संस्थान या पटना स्थिति विशिष्ट शैक्षणिक संस्थान तथा महानिदेशक आदि शामिल होंगे.