बिहार में शराब माफिया द्वारा पुलिस पर हमले की अपनी तरह कि दिल दहलाने वाली पहली घटना में एक कंटेनर चालक ने पुलिस वाहन को रौंद डाला. इस घटने में मौके पर ही पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी जबकि डीएसपी व थानाध्यक्ष की हालत नाजुक है. यह घटना मुजफ्फरपुर के पानपुर के अकुराहां ढाला के समीप हुई.
रविवार देर हुई इस घटना के तार एक शराब माफिया से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस एक शराब माफिया को गिरफ्तार करने के लिए वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस घटना के बाद बिहार के पुलिस महकमा में हड़कम्प मच गया है. घटना के बाद जिले के डीएम धर्मेंद्र सिंह और एसएसपी विवेक कुमार ने घायल अधिकारियों से मिले हैं.डीएसपी पश्चिमी कृष्ण मुरारी प्रसाद और ओपी प्रभारी ध्रुवनाथ झा की हालत नाजुक बतायी जा रही है. जबकि इस घटना में विश्व मोहन शर्मा, विजय चौधरी, मुन्ना चौधरी, फरमान अंसारी और पुलिस की गाड़ी के चालक की मौत हो गयी है.
पुलिस के मुताबिक शनिचरा स्थान से शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी. पकड़े गए चालक ने पुलिस को बताया था कि शराब माफिया अकुराहां ढाला इलाके से गुजरने वाला है. इसी को देखते हुए डीएसपी पश्चिमी कृष्ण मुरारी प्रसाद की अगुवाई में पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी. तभी सामने से एक कंटेनर तेज रफ्तार से आते हुई दिखी. पुलिस ने कंटेनर को रुकने का इशारा किया तो चालक ने स्पीड बढ़ा दी और पुलिस की गाड़ी को रौंदते हुए आगे निकल गई. कंटेनर की टक्कर के बाद पुलिस की गाड़ी कुछ दूर घिसटती हुई चली गई.
पहले भी हुआ पुलिस का हमला
याद रहे कि बीते 11 जनवरी को मुजफ्फरपुर के चैनपुर में ही शराबा माफिया को पकड़ने गयी पुलिस पर हमला बोल दिया गया जिसमें एक दारोगा और पुलिसर्कमी को गंभीर चोट आयी थी.
गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में बिहार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू की थी. इसके बाद पुलिस महकमे के सामने शराबबंदी कानून लागू करना बड़ी चुनौती बनी हुई है. एक तरफ जहां इस कानून के तहत शराब पीने या रखने वालों पर गंभीर सजा का प्रावधान है तो वहीं इस कानून को लागू करने में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कानूनी शिकंजा काफी सख्त है.