– ऊपर ही ऊपर निकल जा रहे बादल, नीचे बारिश को तरस रहे लोग
– बारिश में देरी से धान, मूंग, मक्का, सब्जी व मवेशी के चारे पर पड़ेगा असर
पटना.
सामान्य तौर पर जून के दूसरे सप्ताह में माॅनसून की बारिश शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हाे रहा है. पटना जिले में अब तक सामान्य से लगभग 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जून के अंतिम सप्ताह तक पटना शहर में सामान्यत: 110 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. लेकिन, मौसम विभाग की मानें तो अब तक 96.6 एमएम बारिश हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सेन गुप्ता ने बताया कि बिहार के काफी नीचे व दूर से जाने वाली टर्फ लाइन अभी एमपी, छत्तीसगढ़, ओड़िशा व राजस्थान होते आगे बढ़ रही है. बिहार के ऊपर या आसपास सिस्टम नहीं बनने के कारण और टर्फ लाइन नीचे से गुजरने के कारण बारिश नहीं हो रही है. यही कारण है कि बुधवार को किशनगंज छोड़ प्रदेश के अन्य जिलों में कहीं भी बारिश नहीं हुई.
इन कारणों से नहीं हो रही बारिश :
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति सह भूगोलशास्त्री रास बिहारी सिंह ने बताया कि बिहार में माॅनसून आने के बाद भी बारिश नहीं होने के दो कारण हो सकते हैं. पहला कारण यह है कि बिहार या आसपास में कोई लोकल सिस्टम नहीं बन रहा है और टर्फ लाइन नीचे से गुजर रही है. दूसरा कारण यह है कि गरमी बढ़ने से जमीन से हवा ऊपर की ओर जा रही है और जो बादल बन रहे हैं, उसकी लाइट काफी ऊपर है. ऐसे बादल बरसते कम हैं, गरजते अधिक हैं. सिंह ने बताया कि अभी की स्थिति को देख ऐसा लग रहा है कि पूरे बिहार में बारिश होने के लिए सिस्टम का डेवलप होना जरूरी है. साथ ही टर्फ लाइन थोड़ी ऊपर आयेगी, तो बारिश होगी.
बारिश में देरी के कारण खेतों से गायब हो रही नमी :
माॅनसून आने के बाद भी बिहार में बारिश नहीं हो रही है. ऐसे में खेतों से नमी गायब हो रही है. माॅनसून की बारिश होने के बाद किसान धान, गेहूं, चना व मूंग की खेती करते हैं. लेकिन, बारिश नहीं होने से खेतों में बीज डालने में भी दिक्कत आ रही है. किसान ट्यूबेल से सिंचाई कर रहे हैं. लेकिन, खेतों में नमी के लिए जितना पानी चाहिए उसकी भरपायी ट्यूबेल के माध्यम से नहीं हो रही है. वहीं, इस बार प्री माॅनसून बारिश भी नहीं हुई है. जिस कारण किसानों को खेती करने में परेशानी हो रही है. किसान चंद्रशेखर पाठक ने बताया कि माॅनसून की बारिश समय से होने से खेतों में बीज डालने में फायदा होता है. लेकिन, बारिश की संभावना अभी काफी कम नजर आ रही है. ऐसे में किसानों को इस बार खेती में नुकसान हो सकता है.