बीजेपी बिहार में सोशल इंजीनियरिंग के तहत नेताओं का न सिर्फ दौरा करा रही है बल्कि अन्य दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. अगस्त में लालू यादव के प्रस्तावित ‘भाजपा भगाओ -देश बचाओं ‘रैली से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पटना व उपमुख्यमंत्री का नालंदा दौरा होने को है. बिहार में विधानसभा चुनाव परिणाम से घबरायी बीजेपी को बिहार में जीत की राह आसान नहीं दिख रही है.लिहाजा अभी से ही वो अपनी रणनीतियों को अमलीजामा पहनाने में जुट गई है.यूपी के सीएम राजपूत तो हैं ही गोरखपुर के सांसद होने के कारण यूपी से सटे बिहार के जिलों में अच्छा प्रभाव भी है. इतना ही नहीं ,उनकी संस्था हिन्दू वाहिनी की शाखाएं भी बिहार के कई जिलों में सक्रिय है.
शिवानंद गिरि की रिपोर्ट, नौकरशाही डेस्क
लालू व नीतीश के गढ़ में योगी आदित्यनाथ बीजेपी को मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों को जन -जन तक पहुंचाने का काम करेगी. बीजेपी को भी उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ व केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से बिहार में फायदा होगा. पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य को कुर्मियों के गढ़ व बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में रैली करा अपनी पकड़ मजबूत करने की फिराक में है .
खबर तो ये भी है कि विवादों से चर्चा में आयी यूपी की मंत्री स्वाति सिंह ,सूर्यप्रताप शाही सहित कई लोग बिहार में दौरा कर सकते हैं.
मंत्री स्वाति सिंह का मायके बक्सर जिला में है और सूर्यप्रताप शाही का गोपालगंज ,सिवान व बेगूसराय जिले में रिश्तेदारी है.लिहाजा इनलोगों के दौरे से बीजेपी को फायदा ही होगा .इसी बनते बिगड़ते समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने बिहार के वरीय नेता व मंत्री रहे शकुनी चौधरी के पुत्र सम्राट चौधरी को पार्टी में शामिल कराने में दिलचस्पी ले रही है.उन्हें पार्टी में शामिल भी यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ही कराएंगे.सम्राट चौधरी कोईरी जाति से आते हैं और उनका इस जाति में अच्छा जनाधार भी माना जाता है. चौधरी आरजेडी -जदयू में तो रह ही चुके हैं ,वे बिहार सरकार में मंत्री के रूप में भी काफी चर्चा में रहे चुकें हैं . लेकिन बीजेपी की ‘सोशल इंजीनियरिंग’ बिहार में क्या रंग दिखाएगी ,यह तो आने वाला समय ही बताएगा.