बिहार सरकार के निगमों, बोर्डों और आयोगों से जद यू के तमाम जिम्मेदार इस्तीफा देंगे. जद यू कि एक बैठक में यह फैसला लिया गया है. क्या है वजह कि जद यू को यह फैसला लेना पड़ा?
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जद यू पर यह दबाव था कि गठबंधन के के घटक दलों को भी निगमों, बोर्डों और आयोगों के अध्यक्ष-सदस्य पदों पर बिठाया जाये. इसी बात के मद्देनजर जद यू ने मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार के आवास पर एक बैठक की. बैठक में तय किया गया कि जदयू के तमाम सदस्य जो निगमों, बोर्डों या आयोगें से जुड़े हैं, वे इस्तीफा दे दें. इसके बाद सरकार में शामिल तमाम पार्टिया- राजद, जद यू व कांग्रेस को इसमें आनुपातिक रूप से जगह दी जायेगी.
समझा जाता है कि जद यू के इस फैसले से अनेक आयोगों और निगम व बोर्डों में राजद व कांग्रेस के नेताओं को जगह दी जा सकेगी.
गौरतलब है कि राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, सवर्ण आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग, बिहार राज्य वित्त निगम, बाल संरक्षण आयोग, समेत अनेक संस्थान है जिन में सभी घटक दलों के नेताओं को जगह मिल सकती है.