याकूब मेमन की फांसी के खिलाफ अब बिहार से भी आवाज उठने लगी है. राष्ट्रवादी जनता दल के संयोजक अशफाक रहमान ने जस्टिस मार्कंडेय काटजू के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि याकूब मेमन के साथ पुलिस जांच में धोखा हुआ है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने मेमन की फांसी की सजा को इंसाफ का भोंडा मजाक करार दिया था.
जनता दल राष्ट्रवादी के नेता अशफाक रहमान ने कहा कि यह विडंबना है कि याकूब मेमन को जबरन फासी दिये जाने की तैयारी कर ली गयी है. याकूब ने रॉ को अपनी गिरफ्तारी इस आश्वासन पर दी थी क उसे सरकारी गवाह बनाया जायेगा. लेकिन पुलिस ने उनसे जबरन गुनाह कुबूल करवा कर फासी तक पहुंचवा दिया.
भगवा आतंकवादियों को छूट
रहमान ने कहा कि एक तरफ भगवा आतंकवादियों को खुली छूटी मिली हुई है. दूसरी तरफ मुसलमानों को भेदभाव की बुनियाद पर महज इसलिए फासी पर लटकाया जा रहा है कि वे मुसलमान हैं. इससे पहले अफजल गुरु को खामोशी के साथ फासी पर लटका दिया गया. जहां तक याकूब मेमन की बात है तो यह पहला अवसर होगा कि सरकारी गवाह को फासी पर चढ़ा जायेगा. यह एक तरह से याकूब के साथ धोखा है. अशफआक रहमान ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू के इस बयान से सहमत हूं जिन्होंने कहा है कि याकूब को फासी की सजा इंसाफ को भोंडा मजाक है. इसी तरह विख्यात वकील बीडी तुलसी ने तो यहां तक कहा कि भारत को याकूब मेमन का एहसान मानना चाहिए कि जिसने पाकिस्तान की कई खतरनाक साजिशों की जानकारी भारत को दी.
गुजरात जलाने वालों का क्या हुआ
जेडीआर के राष्विट्रीय संयोजक ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि मालेगांव और अजमेर धमाकों के अपराधी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित को बचाने की साजिश चल रही है जबकि याकूब मेमन को फासी देने की बात तय है. इसी तरह गुजरात कत्ले आम के साजिशकर्ताओं को बचाया गया. इसरत जहां फर्जी मुठभेड़ के अपराधी आईपीएस अफसर जीएस सिंघल, शोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड के अपराधी आईपीएस अजय चुडास्मा को बाइज्जत नौकरी पर न सिर्फ बहाल किया गया बल्कि उन्हें प्रोमोशन का तोहफा तक दिया गया.
रहमान ने कहा है कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार इस देश में सचमुच शांति और भाईचारा कायम करना चाहती है तो गुजरात कत्ले आम के आरोपियों को फासी पर लटकाये.