राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भोजपुर जिले के बिहिया गांव में एक महिला की पिटाई और उसे निर्वस्त्र करने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके रिपोर्ट देने को कहा है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला पर इस संदेह में हमला किया गया है कि वह दामोदरपुर गांव के 16 एक वर्षीय किशोर की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में शामिल है। यह किशोर ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश लेने के लिए विहिया गांव गया था, लेकिन उसका शव गांव के रेड लाइट एरिया में पड़ा मिला। उसके जननांग पर चोट के निशान पाये गये हैं। इस घटना का पता चलते ही गत 20 अगस्त को क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गयी। भीड़ ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया और पथराव किया।
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में घटना की विस्तार से रिपोर्ट देने को कहा है। उसने राज्य के पुलिस महानिदेशक से कहा है कि वह पीडि़त महिला और उसके परिजनों को सुरक्षा दिलाये जिससे कि कोई उसे परेशान न कर सके। आयोग का मानना है कि घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने लापरवाही बरती है। इन घटनाओं से किशोर के जीवन के साथ तो खिलवाड़ हुआ ही है पीड़ित महिला के सम्मान से जीने के अधिकार का भी उल्लंघन हुआ है। आयोग का कहना है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और कई पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है लेकिन यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं लगती। 22 अगस्त को मीडिया में आयी रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है और आठ पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया है।