उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट कर दिया कि भारत स्टेज-3 (बीएस-थ्री) उत्सर्जन मानक वाले वाहन एक अप्रैल से न तो बिकेंगे, न इनका पंजीकरण ही होगा। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने बीएस-थ्री उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की बिक्री की अनुमति संबंधी केंद्र सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एक अप्रैल से बीएस-थ्री उत्सर्जन मानक वाले वाहनों का न तो पंजीकरण होगा, न ही बिक्री। न्यायालय के इस फैसले से विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियों के करीब नौ लाख वाहनों की बिक्री नहीं हो पाएगी। इससे इन कंपनियों को कुल 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना होगा। न्यायालय ने इस मामले में कल फैसला सुरक्षित रख लिया था, और इसके लिए आज भोजनावकाश के बाद दो बजे का समय निर्धारित किया था। इसने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चर्स (सियाम) एवं अन्य की याचिकाओं की सुनवाई पूरी करने के बाद कल कहा था, “हम इस मामले में बुधवार दो बजे आदेश सुनायेंगे।”
बजाज ऑटो लिमिटेड और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण ऑथरिटी (ईपीसीए) ने भी एक अप्रैल से बीएस-थ्री वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमाबाइल डीलर्स एसोसिएशन्स (फाडा) ने एक वादकालीन याचिका (आईए) दायर करके न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह 31 मार्च के बाद भी बीएस-थ्री वाहनों की बिक्री की अनुमति प्रदान करे, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया। मामले में न्याय मित्र ने कहा था कि बड़े शहरों में खासकर घनी बस्तियों में प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर है और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियों को पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम का पालन करना चाहिए।