राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति अब बिहार लोक सेवा आयोग की जगह विश्वविद्यालय सेवा आयोग करेगा। सरकार जल्द ही आयोग के गठन की घोषणा करेगी। दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियों के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर के सभी खाली पद भरे जायेंगे। अगले साल जून-जुलाई तक बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। शिक्षा मंत्री डा अशोक चौधरी ने सोमवार को पटना सायंस कालेज में आयोजित डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी गवर्मेंट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किये गये सेंटर इंस्ट्रमेंटेशन फैसिलिटी के उद्घाटन के मौके पर इसकी घोषणा की।
सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति का अधिकार छीनेगी सरकार
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में जून-जुलाई, 2017 तक प्रोफेसर्स की बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। इसके लिए सभी यूनिवर्सिटी से दिसंबर, 2017 तक की रिक्तियां मांगी गयी हैं। एक महीने के अंदर सभी यूनिवर्सिटी को यह ब्योरा उपलब्ध करा देना है। सभी यूनिवर्सिटी अपने यहां की सभी रिक्तियां जो दिसंबर 2017 तक खाली होने वाली हैं, उसकी पूरी जानकारी शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायेंगे। जानकारी आने के बाद से ही बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी। टाइम फ्रेम के अंदर बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। मंत्री ने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहती है। इसके लिए सरकार तत्पर है। टीम वर्क के साथ काम को किया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी के नये भवन व लैब का उद्घाटन किया।
मंत्री ने कहा कि समय सीमा में बहाली की प्रक्रिया पूरी करने के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन किया जायेगा। अब सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से नहीं की जायेगी, बल्कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बहाली की जिम्मेवारी सौंपी जायेगी। सरकार जल्द ही आयोग का गठन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग ने पिछली बार जो रिक्तियां जारी हुई थीं, इसकी बहाली प्रक्रिया पूरी करने में देर कर चुकी है। बीपीएससी के पास पहले से भी कई काम लंबित हैं।