विगत सप्ताह दो चैंकाने और विचलित करन देने वाली हिंसक घटनाएं घटीं। एक घटना में 50 वर्षीय अखलाक़ की उन्मादी भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी और उसके 22 वर्षीय पुत्र दानिश को क्रूरतापूर्वक जख़्मी कर दिया जो अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है। उनलोगों पर कथित तौर बीफ़ खाने और रखने के आरोप में हमला किया गया था।
फरह शाकेब
दूसरी घटना 2 अक्टूबर की है उत्तर प्रदेश के जिला हम्मीरपुर की है। यहां के एक 90 साला बुजुर्ग दलित खिम्मा अहिरवार को मंदिर में जाने के प्रयास में 2 अक्टूबर को आग के हवाले कर दिया गया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी।
हम पूरे विश्वास के साथ कहते हैं की इस प्रकार की सांप्रदायिक घटनाएं बीजपी के सदस्यों द्वारा बार बार के भड़काऊ भाषणों और बयानबाजियों के नतीजे में घट रही हैं। आरएसएस द्वारा बढ़ावा दिये गये विभिन्न संगठन जैसे समाधान सेना और सनातन संस्था विषाक्त और घृणित विचारों का प्रचार -प्रसार कर रहे हैं। हमारा मानना है ये घटनाएं तुच्छ राजनीतिक फायदे के लिए की जा रही हैं। अल्पसंख्यक समुदायों को डराना] धमकाना] उत्पीड़न और उनके खिलाफ घृणा फैलाना एनडीए सरकार के फूट डालो और राज करो वाले एजेंडे में शामिल है।
आगामी बिहार चुनावों के मद्देनजर सांप्रदायिकता के आधार पर वोट के ध्रुवीकरण के लिए इस तरह की योजनाबद्ध घटनाएं अंजाम दी रही हैं। इन घटनाओं के अपराधियों को सख़्त सजा देकर मृतक के परिवारवालें को इंसाफ दिलाया जाए।
केंद्र सरकार को चाहिए की वह नफरत के सौदागरों के भड़काऊ भाषणों पर लगाम लगाये और इस तरह के फासीवादी हमलों के खिलाफ़ अपनी गंभीरता साबित करे और इस धारणा को गलत ठहराए कि वह सांप्रदायिक और फासीवादी ताक़तों के प्रति नरम रुख नहीं रखता है। हम सभी समुदायों से सांप्रदायिक एकता और सौहार्द्र बनाये रखने की अपील करते हैं कि वे अफ़वाहों का शिकार बनने और सांप्रदायिक संगठनों द्वार हिंसा पर उभारे जाने से बचें। हमारी मांगें हैं: दादरी के बिसाहड़ा गांव में मारे गये मोहम्मद अखलाक़ की न्यायिक जांच हो विभिन्न हिन्दुत्ववादी संगठनों जैसे समाधान सेना और सनातन संस्था के आपराधिक गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच हो। हिंसा और आगजनी करने वाले अपराधियों और कानून हाथ में लेने वालों को तुरंत सजा दी जाए।
अखिलेश सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों और दलितों के बचाव और सुरक्षा को सुनिश्चित करे। केंद्रीय सरकार इस जघन्य अपराध को औचित्य ठहराने का प्रयास करने वाले और गांव में सांप्रदायिकता को उत्तेजित करने वाले केंद्रीय मंत्री महेष शर्मा, विधायक संगीत सौम एवं अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस जघन्य घटना पर अपनी चुप्पी तोड़े। केंद्रीय सरकार आरएसएस वीएचपी, बजरंग दल एवं उनके अन्य शाखओं द्वारा हिंसा और घृणा के प्रसार के खिलाफ बयान दे। प्रशासन में बैठे अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों जिनके ऊपर कानून और व्यवस्था बनाये रखने और की जिम्मेदारी है, उन्हें अपने दायित्वों में विफलता के लिए उत्तरदायी ठहराया जाए और उचित सजा दी जाए। पीडि़त परिजनों को यथाशीघ्र उचित मुआवज़ा दिया जाए। पुलिस और प्रशासन को यह निर्देश दिया जाए कि वे प्रभावित समुदाय के लोगों को शांतिपूर्वक अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त और प्रदर्शन करने दे और ऐसे प्रदर्शन कारियों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के इस्तेमाल के लिए प्रताडि़त नहीं किया जाए।