भारत सरकार के रोक के बावजूद बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज़ डॉटर’ का प्रसारण क्यों किया, इसका पूरा विस्तृत जवाब भारत सरकार को दे दिया है. पढ़िये वह पूरी चिट्ठी
भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने एक नोटिस बीबीसी को भेजी थी जिसमें डाक्युमेंट्री न दिखाने को कहा गया पर बीबीसी ने इसे दिखाया और इसके एवज एक चिट्ठी लिखी. ये है मूल पत्र.
प्रिय श्री राकेश सिंह
आज आपने जो पत्र भेजा उसके लिए आपको धन्यवाद. हम आपकी चिंताओं को समझते हैं लेकिन हमें लगता है कि ‘इंडियाज़ डॉटर’ एक ग्लोबल समस्या के प्रति जागरूकता पैदा करती है जो एक व्यापक जनहित का काम है और बीबीसी इस फ़िल्म के संपादकीय मूल्यों से संतुष्ट है.
हमें प्रोडक्शन कंपनी ने भी आश्वस्त किया है कि उन्होंने विस्तृत और सुविचारित इंटरव्यू करने के लिए सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया है.
दोषी के बयान को कई अन्य लोगों के बयान के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिनमें मृतका के माता-पिता, न्यायपालिका के पूर्व एवं वर्तमान सदस्य और चश्मदीद शामिल हैं.
बलात्कार के दोषी के इंटरव्यू को डॉक्यूमेंट्री में इसलिए शामिल किया गया ताकि एक बलात्कारी की मानसिकता को समझा जा सके और इसका उद्देश्य बलात्कार को केवल भारत के स्तर पर नहीं, बल्कि उसके व्यापक संदर्भों में समझना है.
हमें ऐसा नहीं लगता कि यह फ़िल्म अपने वर्तमान स्वरूप में महिलाओं के लिए अपमानजनक है और उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाती है. दरअसल, यह फ़िल्म उन चुनौतियों को रेखांकित करती है जिनका सामना भारतीय महिलाओं को करना पड़ता है.
बीबीसी ने आपके विचारों का संज्ञान लिया है और यह ध्यान देने की बात है कि बीबीसी इस फ़िल्म को भारतीय न्यायिक व्यवस्था के अधीनस्थ क्षेत्रों में प्रसारित नहीं कर रही है.
हमारा विचार है कि इस फ़िल्म में एक महत्वपूर्ण घटना का दस्तावेजीकरण है जिसने भारतीयों के विचारों में निर्णायक परिवर्तन किया, लोग चाहते हैं कि ऐसी घटना दोबारा न हो. अपने इन्हीं विचारों के अनुरूप हमने लंबे और गंभीर मंथन के बाद ‘इंडियाज़ डॉटर’ डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटेन में बीबीसी फ़ोर पर आज रात दस बजे दिखाने का फ़ैसला किया है.
आपका, डैनी कोहेन–
डायरेक्टर, बीबीसी टेलीविज़न