पटना के कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में दो हजार साइकिलें मिली हैं जिन्हें असेम्बल्ड करके रखा गया था. सिटी एसडीओ मामले की छानबीन कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ये साइकिलें वोटरो को देने के लिए रखी गयी थीं.
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नौकरशाही न्यूज
उधर सिटी डीएसपी ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि कोड ऑफ कंडक्ट के मुताबिक मामले की छानबीन एसडीओ खुद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इन साइकिलों को जब्त करने का निर्देश नहीं मिला है. जैसा निर्देश मिलेगा वैसा किया जायेगा.
इस से पहले मीडिया में खबर आ रही थी कि बीस हजार साइकिलें वोटरों को प्रलोभन के लिए जमा की गयी थीं. हालांकि इस मामले में पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि इन साइकिलों को अधिकारियों ने जब्त कर लिया है. लेकिन सिटी डीएसपी ने इस बात से इनकार किया. उधर जद यू व्यावसायिक प्रकोष्ठ के अवधेश भगत ने बताया कि उनकी पार्टी ने आयोग को पहले ही इसकी सूचना दे दी थी कि उनकी पार्टी साइकिलों से चुनाव प्रचार करेगी. भगत ने कहा कि आयोग ने उन्हें बताया है कि साइकिल मोटर वेकिल ऐक्ट के तहत नहीं आता.
भगत ने कहा कि उनकी पार्टी गरीबों की पार्टी है इसलिए बड़े वाहनों का खर्च वहन नहीं कर सकती इसलिए साइकिलों से प्रचार किया जायेगा और इन्हीं साइकिलों को पूरे राज्य में बारी बारी से भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि उनके पास फिलहाल दो हजार साइकिलें हैं. उनकी कोशिश है कि वह और तीन हजार साइकिलों का इंतजाम करेंगे ताकि प्रचार किया जा सके.
उनका कहना है कि चुनाव खर्च में इस का पूरा व्यौरा भी दर्ज है. ऐसे में अधिकारी इस मामले पर बहुत फूक-फूक कर कदम बढा रहे हैं.
मौके पर मौजूद लोगों का अनुमान है कि इन साइकिलों की संख्या हजा से ज्यादा हो सकती है.
गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता के अनुसार इस तरह साइकिलों का वितरण जुर्म है. अगर यह साबित होता है तो इस मामले में शामिल लोगों या नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.