अप्रत्यक्ष कर की दिशा में अबतक के सबसे बड़े सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए जूझ रही सरकार इसे चर्चा के लिए कल राज्यसभा में पेश करेगी। सरकार ने विधेयक की संशोधित प्रति आज सांसदों के बीच वितरित की है, जिसमें एक प्रतिशत अतिरिक्त कर के प्रावधान को हटाने के साथ ही जीएसटी के लागू होने से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अगले पाँच साल तक के लिए पर्याप्त प्रावधान किया है।
जीएसटी परिषद को केंद्र एवं राज्यों के बीच उठने वाले संभावित विवादों के समाधान के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी होगी। जीएसटी विधेयक 2014 के तहत विवादों के निपटारे के लिए कौन सा मॉडल अपनाया जाये, इस पर निर्णय लेने का अधिकार परिषद् को प्राप्त है। सरकार ने संशोधित जीएसटी विधेयक में विपक्षी पार्टी काँग्रेस की माँगों को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है। काँग्रेस की तीन माँगो में से एक था एक प्रतिशत अतिरिक्त कर को समाप्त करना। हालाँकि, सरकार ने संविधान में जीएसटी की अधिकतम दर निर्धारित करने की माँग का संशोधित विधेयक में कोई उल्लेख नहीं किया है।
उधर कांग्रेस ने अपने सभी सदस्यों को बुधवार को राज्यसभा में वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी) विधेयक पर चर्चा के दौरान मौजूद रहने को कहा है। कांग्रेस सूत्रों ने यहां बताया कि ह्विप आज ही जारी किया गया और सभी सदस्यों को राज्यसभा में मौजूद रहने की हिदायत दी गयी है।
पार्टी ने जीएसटी पर चर्चा के दौरान सभी सदस्यों की उपस्थिति सुनश्चित करने के लिए ह्विप जारी किया है। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन सरकार तथा कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बनने के कारण यह विधेयक लम्बे समय से राज्यसभा में अटका पड़ा था। विधेयक के इस बार पारित होने की उम्मीद जतायी जा रही है।