नोटबंदी के मुद्दे पर एकजुट सभी विपक्षी दल अपनी लड़ाई तेज करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए कल संसद परिसर में प्रदर्शन करेंगे । राजनीतिक दल इस लडाई को जन आंदोलन बनाने की रणनीति बनाने पर आपस में विचार-विमर्श कर रहे हैं। माकपा नोटबंदी के मुद्दे पर राज्यसभा में बहस के दौरान प्रधानमंत्री की लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए उनके खिलाफ संसद की अवमानना का मामला बनाने की भी तैयारी कर रही है, लेकिन राष्ट्रपति के सामने प्रदर्शन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है ।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज संसद भवन परिसर में पत्रकारों को बताया कि नोटबंदी के मुद्दे पर कल विपक्षी नेता संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे को फिर उठाएंगे और प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि अब वे लोग इस मुद्दे पर जनता का मार्च निकालने की भी तैयारी कर रहे ताकि जनता को गोलबंद किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम लोग रोज मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में आयें और नोटबंदी पर काम रोको प्रस्ताव पर बहस को सुनें लेकिन वह नहीं आ रहे हैं जबकि वह संसद परिसर में होते हैं।
उन्होंने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री बाहर हर रोज नोटबंदी के मुद्दे पर बोलते हैं लेकिन वह संसद में नहीं बोलते। यह संसद की अवमानना है, इसलिए वह लोग उनके खिलाफ संसद की अवमानना का नोटिस देना चाहते हैं और अभी इसके वैधानिक एवं तकनीकी पक्षों का अध्ययन कर रहे हैं तथा इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से बात कर रहे हैं कि क्या यह संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक खाते से रुपये लेना कानूनी अधिकार है और सरकार ने इस पर रोक लगा कर इसका उल्लंघन किया है। इसलिए वह संविधान प्रदत्त अधिकार के उल्लंघन को देखते हुए कानूनी कार्रवाई करने के बारे में भी विचार रहे हैं।