अगर विपक्ष नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल उठाये तो एक बात है लेकिन यहां तो उनके सहयोगी दल के केंद्रीय मंत्री ने ही बिहार में भ्रष्टाचार पर नीतीश सरकार की धज्जी उड़ा के रख दी. इतना ही नहीं, यहां तक बताया कि बिहार में कानून व्यवस्था का हाल चौपट है.
साकिब ज्या की रिपोर्ट
आरके सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शेल्टर होम से छह बच्चियां तमाम सुरक्षा के बावजूद गायब हो गयीं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड के बाद अनेक बार नीतीश प्रशासन को सरे आम बेआबरू कर चुकी है.[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab][/tab][/tabs]
लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं और इसी बीच आरा के सांसद व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बिहार में एनडीए सरकार को एक कार्यक्रम के दौरान खूब लताड़ा है। जी हाँ, केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह ने नीतीश सरकार को बिहार में चौपट शिक्षण व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ-साथ बिहार सरकार के नीति और नियत पर भी सवाल खड़ा किया है।
बिहार के भोजपुर जिले के आरा में एक निजी कार्यक्रम के दैरान व्यापार संवर्धन गोष्ठी को संबोधित करते हुए आर के सिंह ने कहा है कि बिहार का सरकारी सिस्टम इस कदर घूसखोरी में जी रहा है कि गरीब को गरीब ही रहना है। कुछ भी नहीं हो सकता है बिहार का… देश भर में ऐसा सिर्फ बिहार में हो रहा है। हां, थोड़ा बहुत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में है। जी हाँ, वहीं उत्तर प्रदेश जहाँ इसी भ्रष्टाचार को मिटाने को लेकर समाजवादी अखिलेश यादव की सरकार को हटाकर भाजपा के योगी आदित्यनाथ आज सत्ता पर काबिज है।
आर के सिंह ने बिहार में नीतीश कुमार के प्रतिनिधित्व एनडीए सरकार के दावों की पोल खोलते हुए जी भर के ऊंचे स्वर में लताड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ बिहार ऐसा प्रांत है, जहां सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं जाते हैं इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा जिन स्कूलों में चार शिक्षक हैं, उनमें से तीन भागे रहते हैं। भागे रहने के दौरान कोई इंस्पेक्शन न हो जाए, इसलिए भगोड़े शिक्षक छुट्टी का एप्लीकेशन जमा किए रहते हैं। वैसे इसकी भी कोई जरुरत नहीं रह गई है, क्योंकि सारे डीएसई पैसा खाते हैं।
अपने दल के नेता को भी नहीं बख्शा
इस दौरान भाजपा नेता आर के सिंह बिहार में बीजेपी के मंत्री मंगल पांडेय के भी विभाग को नहीं बख्शा और सीधे कह डाला कि बिहार में सिविल सर्जन पैसा वसूलते हैं। डॉक्टर प्रारंभिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाते नहीं हैं। आरा और पटना में बैठकर प्रैक्टिस करते हैं। कोई रोकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि भागे रहने के एवज में सारे डॉक्टर सिविल सर्जन को कमाई का एक हिस्सा देते हैं। आगे सिविल सर्जन क्या करते हैं, सबों को पता है।
बिहार में फसल खरीद बंद है, पूरे बिहार में बंद है जबकि देश भर में हो रहा है। हमारे यहाँ पैक्स वाले पैसे लेकर अनाज भी नहीं खरीदें और सरकार को हिसाब भी नहीं दिए। मैंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से कहा है कि वे स्वयं अपने मंत्रालय की ओर से बिहार में क्रय केंद्र खोलवा दें। मैं फिर कहूँगा कि इस प्रकार की व्यवस्था वो बिहार में करें। अब देखिए क्या होता है। केंद्रीय मंत्री आरा के हर प्रसाद दास जैन सभागार में भोजपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के व्यापार संवर्धन गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।