रैगिंग से गंभीर रूप से घायल बिहार के सहकारिता मंत्री का बेटा 45 दिनों के इलाज के बाद पटना लौट आया है.
विनायक विजेता
ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र आदर्श के पिता व राज्य के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह का मानना है कि उनके बेटे को मौत के मुंह से वापस लाने में दवा से ज्यादा लोगों की दुआओं ने असर किया है। लगभग 45 दिनों तक दिल्ली में इलाज के बाद अपने पिता और मां के साथ पटना लौटे आदर्श की तबियत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
दो भाइयों में छोटा आदर्श के साथ स्कूल के सीनियर छात्रों ने रैगिंग की थी तथा उसके गले में रस्सी का फंदा डाल दिया था। कई दिनों तक लगातार कोमा में रहे आदर्श का इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ। बेटे की मौत के मुह में वापसी से काफी प्रसन्न सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह ने मीडियाकर्मियों समेत तमाम लोगों को धन्यवाद दिया जिनकी दुआ से उनके बेटे की जान बच गई।
उनहोंने कहा कि दिल्ली में चिकित्सकों ने भी अपनी ओर से कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखा। उन्होंने कहा कि बीते 40 दिन उनपर और उनकी पत्नी पर क्या बीता वह इसे भूलकर दुख के बाद मिलने वाली खुशी का एहसास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के साथ हुए हादसे की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए वह ग्वालियर के आईजी आदर्श कटियार से लगातार संपर्क में हैं तथा छठपूजा के बाद वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से भी इस मामले को लेकर मिलेंगेताकि कभी किसी और के बेटे के साथ इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो ।
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