बिहार में बेगूसराय के कई हिस्सों में गंगा की उलटी-पुलटी धारा ने किसानों की दर्जनों एकड़ जमीन को निगल लिया है, अब इसका खतरा कई गांव पर मंडरा रहा है लेकिन प्रशासन कूंभकरणीय नींद में है
बेगूसराय से महफूज रशीद की रिपोर्ट
तेघड़ा ब्लाक के आधारपुर दियारा क्षेत्र में गंगा का कटाव पिछले करीब सात महीनों से जारी है। हर रोज गंगा के कटाव वहां की जमीन गंगा के आगोशो में जा रही है, बावजुद इसके जिला ईंतजामिया के जरिये इस जानिब अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और न ही कटाव रोकने के लिये कोई काम शुरू किया गया है.
ऐसा लगता है कि जिला ईंतजामिया को इसकी खबर ही नहीं है या फिर उसे इस कटाव से कोई लेना देना ही है और न ही यहां के गरीब मजदूर लोगों व किसानों की ही फिक्र है जिनकी एकड़ की एकड़ जमीन गंगा के कटाव में समा चुकी है.
पंचायत के सरपंच राकेश कुमार महंत, गांव निवासी मो. सलमू, मो. अमानत, मो. तसलीम, मो. सलीम समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि पंचायत के दुलापुर दियारा, ताजपूर, आधारपूर, अयोध्या, प्रातपपुर के दियारा स्थित गंगा का कटाव पिछले करीब सात महीनों से जारी है। इस कटाव में हजारों एकड़ जमीन व उसमें लगी फसलें गंगा के आगोशो में समा चुकी है। जिस तरह से हर रोज गंगा का कटाव जारी है ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब पूरा गांव गंगा में समा जायेगा और गांव का वजूद मिट जायेगा।
गांव के किसान अपनी अपनी जमीन पर लगी फसलों को वक्त से पहले काटकर उसे जानवरो का चारा बनाने पर मजबूर है क्योंकि न जाने कब उनकी जमीन गंगा के कटाव में समा जायेगी और जो भी फसल लगी हुई है वह भी कटाव में चली जाये। गांव वालों का कहना है कि इतने महीने से गंगा में कटाव जारी है लेकिन अब तक इस जानिब जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नही की जा रही है.
गंगा के कटाव में हजारों एकड़ जमीन व फसल गंगा की भेंट चढ़ चुकी है। इस वजह कर यहां के लागों को करोड़ो रूपये माली नुकसान पहुंचा है। वहीं एक मस्जिद भी है जिसे कटाव से प्रभावितहोने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है।
सरपंच राकेश कुमार महंत ने बताया कि कटाव के सिलसिले में जिला प्रशसन को भी खबर दी गयी है लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हो पाया है।