बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही जुड़वा बहने हैं जो सरकार के बेहतर प्रदर्शन एवं सुशासन के लिए जरूरी है। श्री चौधरी ने इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक ऑडिटर्स ऑफ इंडिया (आईपीएआई) की ओर से आयोजित एक सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पारदर्शिता एवं जवाबदेही जुड़वा बहनों की तरह होती हैं, जो सरकार को अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि गवर्नेंस की जवाबदेही के लिए पारदर्शिता जरूरी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पारदर्शिता लाने एवं लोगों को पारदर्शी तरीके से आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए लोक सेवा का अधिकार कानून (आरटीपीएस) बिहार सरकार द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि गवर्नेंस में जवाबदेही एक महत्वपूर्ण घटक है, जिससे तंत्र में पारदर्शिता लाई जा सकती है। श्री चौधरी ने कहा कि बिहार में उद्योग स्थापित करने की राह में यहां का जनसंख्या घनत्व बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिकरण के लिए भूमि की उपलब्धता आवश्यक है लेकिन उच्च जनसंख्या घनत्व उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन की उपलब्धता को मुश्किल बना देता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में हर वर्ष आने वाली बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति होती है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य के लिए बिहार केंद्र सरकार से राशि की मांग करती रही है। लेकिन, कई बार इस मांग के अलग अर्थ निकाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार केरल में आई बाढ़ ने बिहार के संदर्भ में अलग अर्थ निकालने वालों की आंख खोल दी है।